PATNA : आखिरकार करीब क्भ् महीने बाद जीपीएफ के पौने दो करोड़ रुपए का गबन करने वाले शातिर सुमन कान्त सिन्हा को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया। स्टेट गवर्नमेंट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डाटा से छेड़छाड़ कर इस शातिर ने कुल क्.7ख् करोड़ रुपए का गबन किया था।

तब से ये फरार चल रहा था। इस शातिर को पकड़ने के लिए पिछले साल भी पुलिस ने दबिश बढ़ाई थी। लेकिन कई बार की छापेमारी के बाद भी ये पकड़ा नहीं गया था। लेकिन इसकी चालाकी काम नहीं आई। रविवार सुमन कान्त पटना सिटी के गाय घाट में ऑटो स्टैंड के पास एक जगह पर रूका था। जिसकी सूचना पुलिस को मिली। मिले सूचना का पुलिस टीम ने वेरिफाई किया। इसके बाद सूचना पक्की होने पर बताए जगह पे पुलिस ने रेड किया और छिपे शातिर सुमन कान्त को गिरफ्तार किया।

हाईकोर्ट की ओर से था निर्देश

फ्0 जून ख्0क्भ् को जीपीएफ की क्.7ख् करोड़ रुपए के घोटाले का मामला आलमगंज थाना में दर्ज किया गया था। क्म्ब्/क्भ् नंबर से दर्ज इस एफआईआर में ब्0म्/ब्08/ब्09/ब्ख्0/ब्म्भ्/ब्म्8/ब्7क्/फ्ब् आईपीसी के सेक्शन लगाए गए थे। इस मामले को पटना हाईकोर्ट ने भी काफी गंभीरता से लिया था।

हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी व पटना पुलिस को इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने को निर्देश दिया था। जिसके बाद ही एसएसपी मनु महाराज ने एक स्पेशल टीम बनाई थी। जिसमें आलमगंज, दनियावां और पालीगंज के एसएचओ व पटना पुलिस के कुछ तेज-तर्रार ऑफिसर्स को शामिल किया गया था।

ष्टरूह्र से लेकर बैंक स्टाफ तक हैं मिले

सुमन कान्त सिन्हा दनियावां स्थित प्राइमरी हेल्थ सेंटर में कोषागार लिपिक के पोस्ट पर था। इसने बिहार सरकार के जीपीएफ की वेबसाइट पर अपलोड डाटा से पहले छेड़छाड़ किया। फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाए। जिसे बैंक में जमा कर अवैध रुप से जीपीएफ के रुपए निकाले और फिर उसे दूसरे एकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया जाता था। ताकि किसी को इस मामले की भनक तक न लगे।

क्.7ख् करोड़ के गबन के इस खेल में सुमन कान्त अकेले नहीं था। इस खेल में दनियावां पीएचसी के चीफ मेडिकल ऑफिसर, डाटा ऑपरेटर, ट्रेजरी ऑफिसर और संबंधित बैंक के स्टाफ मिले हुए थे।

फ्0 परसेंट की थी हिस्सेदारी

शातिर सुमन का साथ कौन-कौन दे रहा था, ये राज वो आसानी से उगलने वाला कहां था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की। पहले तो वो बरगलाने की कोशिश करने लगा। लेकिन पुलिस वालों ने जब सख्ती दिखाई तो सारे राज उसने उगल दिया। फिर चीफ मेडिकल ऑफिसर से लेकर बैंक स्टाफ तक के नाम उसने पुलिस को बताया। खास बात ये है कि इसमें बैंक के स्टाफ मिले थे। बैंक स्टाफ और ट्रेजरी ऑफिसर ने गबन में साथ देने के नाम पर फ्0 परसेंट की हिस्सेदारी ली थी।

पहले से जेल में हैं मां और वाइफ

सरकारी स्टाफ के जीपीएफ के रुपए गबन करने के इस मामले में सुमन कान्त को सजा तो मिलेगी ही। फिलहाल पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। इसके इस करनी की सजा मां और वाइफ को पहले ही मिल चुकी है। पुलिस मां और वाइफ को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है। अब आधा परिवार जेल के अंदर है। जेल भेजा गया ये शातिर मूल रूप से दानापुर में शगुना मोड़ के पास रहने वाला है। आलमगंज के अलावा इसके खिलाफ दनियावां, दानापुर और पालीगंज थाना में भी एफआईआर दर्ज है।

इस मामले में पुलिस किसी को भी नहीं बख्शेगी। एविडेंस के आधार पर जिनका भी नाम सामने आएगा, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

-मनु महाराज, एसएसपी पटना

Posted By: Inextlive