केंद्रीय कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन भी 2जी घोटाले मामले में सीबीआई के रडार में आ गए हैं.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेश अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन ने वर्ष 2006 में एअरसेल टेलीकॉम कंपनी के मालिक शिवशंकरन पर अपनी कंपनी को मलेशिया की एक कंपनी मैक्सिस को बेचने के लिए कथित तौर पर दबाव डाला था।

सीबीआई ने जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एके गांगुली से कहा कि उसे जाँच पूरी करने के लिए तीन महीने का वक्त चाहिए। हालांकि सीबीआई की तरफ़ से मारन का नाम नहीं लिया गया।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि उसने सात देशों में जाँच की है और उसे 2जी घोटाले के पैसे को ढूंढने में 18 से ज़्यादा महीने लग जाएंगे।

दयानिधि मारन पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2004 और 2007 के अपने टेलीकॉम मंत्री के कार्यकाल के दौरान एअरसेल के मालिक सी शिवशंकरन पर कथित तौर पर दबाव डाला कि वो अपनी कंपनी एअरसेल को मैक्सिस के मालिक और मारन के मित्र टी आनंद कृष्णन को बेच दें।

शिवशंकरन टेलीकॉम लाईसेंसे लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी मेहनत रंग नहीं लाई। मजबूरन उन्होंने अपनी कंपनी मैक्सिस को बेच दी।

इस सौदे के कुछ हफ़्तों के अंदर ही मैक्सिस की एक दूसरी कंपनी ने मारन की कंपनी में निवेश किया था। सीबीआई को दिए गए अपने वक्तव्य में शिवशंकन ने इस आरोप को दोहराया था कि उन पर अपनी कंपनी को बेचने का दबाव डाला गया था। मारन ने इन आरोपों से इंकार किया था। मारन ने कहा था कि शिवशंकरन खुद अपनी कंपनी को बेचने के इच्छुक थे।

सीबीआई के वक्तव्य के बाद मारन पर इस्तीफ़ा देना का दबाव बढ़ेगा।

उधर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और एआईडीएमस प्रमुख जयललिता ने मारन के इस्तीफ़े की मांग की है। जयललिता ने कहा कि सीबीआई वही कर रही है जो देश के लोग उससे उम्मीद कर रहे हैं, वक्त आ गया था कि सीबीआई इस बारे में कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा "मैं खुश हूँ कि सीबीआई ने ये कदम उठाया है। दयानिधि मारन से ये उम्मीद करना कि वो मामले की नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर पद से इस्तीफ़ा दे दें। वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री उन्हें अपनी कैबिनेट से निकाल दें."

Posted By: Inextlive