आगरा। पढ़ाई को लेकर इस बार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन सख्त हो गया है। बोर्ड का ईयर आते ही अक्सर स्टूडेंट्स अपना स्कूल चेंज कर देते थे। जिससे पढ़ाई पर गहरा असर पड़ता था। पढ़ाई में हो रहीं इस प्रकार की डिस्टर्बेंस को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने अपने नियमों में बदलाव किया है। इस बार बोर्ड ईयर में अगर आपने स्कूल चेंज करने का सोचा। तो आपको अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ेगी। साथ की आपको क्लेरिफिकेशन देना होगा। जिसमें आपसे प्रमाण पत्रों के साथ ही रीजन मांगा जाएगा। गंभीर हालातों में ही आपको सीबीएसई स्कूल बदलने का मौका देगा।

देनी पड़ेगी पांच हजार एक्स्ट्रा फीस

सेंट्रल बोर्ड आंॅफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार अब स्कूल चेंज करने पर पांच हजार रूपए एक्सट्रा फीस ली जाएगी। अगर स्टूडेंट्स बोर्ड क्लास में फेल हो जाता है तो इस स्थिति में भी उसे दोबारा इतनी ही फीस भरनी होगी। सीबीएसई ने बोर्ड क्लासेज से एडमिशन के नियमों को सख्त बनाते हुए हुए ये बदलाव किया है।

स्कूल चेंज करने के ग्राउंड

-पेरेंट्स का ट्रांसफर

-स्थान बदल देना

-हॉस्टल में भर्ती होने पर

-हॉस्टल से दूसरी जगह जाने पर

-किसी भी वजह से फेल होने पर

-बेहतर शिक्षा के लिए

-स्कूल और आवास के बीच दूरी होने पर

-मेडिकल रीजन

नियम बदलने के कारण

-स्कूल बदलने की वजह से बच्चे की पढ़ाई के साथ ही माहौल में भी चेंज होता है। जिसका सीधा असर रिजल्ट पर पड़ता है।

-रिजल्ट की क्वालिटी खराब होती है।

-स्कूल चेंज करने के लिए बोर्ड ने स्कूल चेंज करने के लिए कुछ वैलिड कारणों की सूची भी जारी की है।

-बोर्ड ने कारण बताने के साथ ही उसके प्रमाण के लिए डाक्यूमेंट देने की शर्त भी रखी है। जिससे यह पता चल सके कि किस वजह से स्कूल बदला है।

ये डॉक्यूमेंट्स होंगे जरूरी

-ट्रांसफर होने पर पेरेंट्स का रिक्वेस्ट लेटर, एनरोलमेंट नंबर, रिपोर्ट कार्ड, प्रोविजिनल ट्रांसफर सर्टिफिकेट, पेरेंट्स का ट्रांसफर लेटर जरूरी होगा

-जगह बदलने पर रेंट एग्रीमेंट के अलावा आवास प्रमाणपत्र भी जरूरी होगा

-हॉस्टल में शिफ्ट होने या हॉस्टल से दूसरी जगह जाने पर हॉस्टल के डॉक्यूमेंट, फीस, फीस का बैंक ट्रांसजेक्शन व हॉस्टल का लेटर

-फेल होने का पुराना रोल नंबर, मार्कशीट आदि देनी होगी

-क्वालिटी एजुकेशन के लिए स्कूल चेंज करने के लिए स्टूडेंट को अपना पुराना रिपोर्ट कार्ड देना होगा

-बोर्ड ईयर में एडमिशन लेने पर स्कूल को भी पूरी डिटेल देनी होगी

-क्लास एक से लेकर 12 तक के सभी स्टूडेंट़्स की संख्या, सेक्शन और टीचर्स की डिटेल भी स्कूल को देनी होगी

वर्जन

सीबीएसई के नए रूल्स में लागू की गई फीस बहुत ज्यादा है। ऐसे में पेरेट्स की जेब पर भारी असर पड़ेगा। साथ ही कई डाक्यूमेंट्स के चक्कर में स्टूडेंट्स को स्कूल चेंज करने में मुश्किल आएगी।

सुशील गुप्ता, प्रेसीडेंट, अप्सा

Posted By: Inextlive