एडमिट कार्ड चाहिए तो पापा को साथ लेकर आओ
- 2 मार्च से सीबीएसई बोर्ड के 12र्वी और 10वीं के शुरु हो रहे एग्जाम
बरेली : 2 मार्च से सीबीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के एग्जाम शुरु हो रहे हैं। स्कूलों ने एडमिट कार्ड का वितरण शुरु कर दिया है। लेकिन इस बार एडमिट कार्ड स्टूडेंट्स को नहीं सौंपा जाएगा, बल्कि एडमिट कार्ड लेते वक्त स्टूडेंट्स के साथ परिजनों का होना जरुरी है। ऐसा स्कूल प्रबंधन ने नहीं किया बल्कि बोर्ड ने आदेश दिया है। सीबीएसई बोर्ड की ओर से नई गाइड लाइन जारी की गई है, जिसको फॉलो करने वाले स्टूडेंट को ही एडमिट कार्ड दिया जा रहा है। वहीं डायबिटिक बच्चों को पेपर में स्नैक्स ले जाने के लिए भी कहा गया है। स्कूल यूनीफार्म में जरूरीपिछले वर्षो की बात करें तो एग्जाम शुरु होने से पूर्व ही स्कूल की छुट्टियां कर दी जाती हैं। वहीं एडमिट कार्ड लेने स्टूडेंट कैसुअल ड्रेस में भी आ जाते थे, लेकिन इस वर्ष नई गाइडलाइन के अुनसार एडमिट कार्ड लेते वक्त स्टूडेंट का यूनीफार्म में होना जरुरी है।
कई स्टूडेंट मायूस होकर लौटेसीबीएसई के स्कूलों में एडमिट कार्ड दिए जाने शुरू कर दिए गए हैं। वहीं गाइडलाइन की जानकारी न होने पर कई स्टूडेंट्स को एडमिट कार्ड नहीं मिला, जिससे वह मायूस होकर लौट गए।
ट्रांसपेरेंट बैग कंपलसरी सीबीएसई एग्जाम में पहले स्टूडेंट्स रंग बिरंगे बॉक्स में पेन, पेंसिल आदि लेकर जाते थे, लेकिन इस बार इन पर रोक रहेगी। ट्रांसपेरेंट बॉक्स में रखकर ही स्टूडेंट्स सारा सामान ले जा सकेंगे। प्रिंसिपल की बात सीबीएसई बोर्ड की ओर से जारी की गई गाइड लाइन काबिले तारिफ है। इससे परीक्षा में सख्ती बढ़ेगी। जो स्टूडेंट पेरेंट्स के बगैर और कैसुअल यूनिफार्म में एडमिट कार्ड लेने आ रहे हैं, उन्हें वापस कर दिया जा रहा है। दीपक अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीबीएल स्कूल। पेरेंट्स की बात 1. गाईड लाइन के नियम बच्चे को पता नहीं थे, इसलिए पहले एडमिट कार्ड नहीं दिया। जब हम साथ गए तो ही बच्चे को एडमिट कार्ड मिला। मनोज सिंह। 2. बोर्ड की गाइड लाइन के नये नियमों ने पेरेंट्स की जिम्मेदारी और बढ़ा दी है। वहीं बच्चों पर भी लोड अधिक है। शशि सक्सेना। स्टूडेंट्स की बात 1. गाइड लाइन की जानकारी तो थी लेकिन कैसुअल ड्रेस में एडमिट कार्ड लेने पहुंच गए तो टीचर ने लौटा दिया। अभिषेक सक्सेना।2. कई नये नियम इस बार फॉलो करने होंगे। सभी साथ के स्टूडेंट्स यूनिफार्म में ही एडमिट कार्ड लेने आए थे, जो नहीं आए थे वो खाली हाथ लौट गए।
अभिषेक चौहान ।