गांव और उद्योगों में हुए बदलावों की स्थिति जानने के लिए हो रहा अध्ययन

मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत और बुलंदशहर आदि में होगी स्टडी

Meerut. गांवों से होते पलायन एवं उद्योगों से बदल रहे परिवेश की वास्तविकता का पता लगाने के लिए सीसीएसयू गांव और उद्योगों में हुए बदलावों को परखने के लिए अध्ययन कर रहा है. इसके तहत विभिन्न मानकों पर गांव और उद्योगों की चुनौतियों एवं बदलावों का जमीनी स्तर पर पता लगाने के लिए सीसीएसयू ने मेरठ मंडल के सात जिलों में काम आरंभ कर दिया है. अध्ययन की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

जरा समझ लें..

गांव में लगातार होता पलायन, तेजी से बढ़त शहर व उद्योगों से गांव, शहर पर पड़ते असर का आंकलन करने के लिए यूनिवर्सिटी ने यह काम अपने स्तर शुरु किया है. प्रो. दिनेश कुमार के निर्देशन में 'स्ट्रक्चरल परफॉर्मेंस ऑफ द इकोनॉमी ऑफ मेरठ डिविजन इन उत्तर प्रदेश: नेचर, डिटरमिनेंटस एंड पॉलिसी इम्पि्लकेशंस शीर्षक की इस स्टडी में मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत और बुलंदशहर को शामिल किए गए हैं. स्टडी में मेरठ का कैंची उद्योग, पिलखुआ का हैंडलूम, खुर्जा का पॉटरी, मुजफ्फरनगर का खांडसारी व खतौली का टै्रक्टर पुली उद्योग भी शामिल होगा.

पूरा परिवार होता है प्रभावित

डॉ.दिनेश कुमार के अनुसार इन उद्योगों ने बहुत से उतार-चढ़ावों को देखा है. इसी तरह शैक्षिक और हेल्थ सेक्टर ने शहर में प्रगति का दौर देखा. ऐसे में मेरठ मंडल उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए आधारभूत ढांचे में बदलाव का उदाहरण बन सकता है. डॉ.दिनेश के अनुसार उद्योगों के लगने से गांव और शहरों की इकोनॉमी में बदलाव आता है. इससे पूरा परिवार प्रभावित होता है. यह सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों स्तर पर हो सकता है. चूंकि अभी तक कोई भी स्टडी स्थानीय स्तर को केंद्रित करते हुए नहीं हुई, ऐसे में यह प्रोजेक्ट इन सात जिलों की स्थिति को समझने में सहायक होगा. उक्त स्टडी में गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी से प्रो. एनके बिश्नोई और गिरि इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज लखनऊ के प्रो. राजेंद्र ममग्रान भी शामिल हैं.

स्टडी का उद्देश्य

मेरठ मंडल में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र की आर्थिक संरचना का अध्ययन करना.

रोजगार और आय की प्रकृति और संरचना का अध्ययन करना.

औद्योगिक विकास का अध्ययन और रोजगार एवं आय पर प्रभाव का पता करना.

शैक्षिक, स्वास्थ्य में आधारभूत ढांचे के विकास का स्थानीय अर्थव्यवस्था का पता करना.

सामाजिक-आर्थिक विकास में सरकारी नीति एवं योजनाओं की स्थिति का पता करना.

ये अध्ययन अभी चल रहा है, पूरा होते ही सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी. जिसके बाद आगे की प्रक्रिया का पता लग पाएगा. अगर अध्ययन में सफलता मिलती है तो इसके विस्तार का प्लान बनाया जाएगा.

डॉ. दिनेश, एचओडी, इकॉनोमिक्स विभाग, सीसीएसयू

Posted By: Lekhchand Singh