चप्पे-चप्पे पर होगी तीसरी नजर
- एमडीए की ओर से सीसीटीवी कैमरा लगाने का रास्ता साफ
- 20 चौराहों पर लगेंगे 80 कैमरे, खर्च होंगे डेढ़ करोड़ रुपए Meerut : मेरठ महानगर को सीसीटीवी कैमरों से लैश करने को लेकर लंबे समय अटकी पड़ी योजना को अब पंख लगने वाले हैं। एमडीए की और से प्रोजेक्ट को लेकर एक और जहां सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं। वहीं देश की एक प्रतिष्ठित कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। सीईएल कंपनी करेगी काम सिटी में हाईटेक और वायरलेस ट्रांसमीशन के कैमरे लगाने के प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी देश की प्रतिष्ठित कंपनी सीईएल सेंटर इलेक्ट्रिक लिमिटेड को सौंपी गई है। प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए कंपनी ने अपनी ओर से सर्वे करना भी शुरू कर दिया है। डेढ़ करोड़ का प्रोजेक्टएमडीए की ओर से इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 70 लाख रुपए रखी गई थी, लेकिन सीईएल की ओर से की किए गए सर्वे के दौरान कंपनी ने प्रोजेक्ट की कुल लागत डेढ़ करोड़ रुपए आंकी।
ये है प्रोजेक्ट चार जोन ख्0 चौराहे और 80 कैमरेप्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एमडीए की ओर से शहर को चार जोन में बांटा गया है, जिसके अंतर्गत पूरे शहर के ख्0 मुख्य चौराहों को टारगेट किया गया है। योजनातंर्गत प्रत्येक चौराहे पर चार सीसीटीवी फिट किए जाएंगे। इस हिसाब से पूरे शहर में 80 कैमरे फिट किए जाएंगे।
ऐसे करेंगे कैमरे काम -वायर लैस होंगे सभी कैमरे -रेडियो फ्रिक्वेंसी पर काम करेगा सिस्टम। - ईजी डाटा ट्रांसफरिंग सिस्टम - मेन धार्मिक स्थलों भी होंगे शामिल - मेन मार्केट भी होगी टारगेट - गर्ल्स कॉलेज भी होंगे शामिल। - भीड़भाड़ भरे इलाके भी होंगे जद में। क्या था अड़ंगा प्रोजेक्ट को लेकर एमडीए की ओर से रखी गई शर्तो के कारण कोई भी प्रतिष्ठित कंपनी काम को हाथ में लेने के लिए आगे नहीं आ रही थी। करीब आधा दर्जन कंपनियों की प्रेजेंटेशन देखने के बाद प्राधिकरण अधिकारियों को कुछ दम नहीं लगा, तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए आईआईटी को चुना। अब आईआईटी दिल्ली और रुड़की दोनों ही ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए इनकार कर दिया है। आईआईटी के मना करने के बाद प्राधिकरण ने अब दिल्ली की सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडैक) का दरवाजा खटखटाया है। उम्मीद की जा रही थी इस प्रोजेक्ट को सीडैक ही करेगी, लेकिन बाद में सीडैक ने भी प्रोजेक्ट पर काम करने से इंकार कर दिया।एमडीए की शर्ते
- जो भी कंपनी इस प्रोजेक्ट को हाथ में ले करीब पांच सालों तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ले।
- कंपनी से मेंटीनेंस गारंटी का एफिडेविट भी लिया जाएगा। - फ्यूचर सिटी में इस प्रोजेक्ट को एक्सपेंड करने पर नए कैमरों को पुरानों के साथ कनेक्ट कर सके। - हर रोज बदलती टेक्नोलॉजी को देखते हुए कंपनी उसे अपग्रेड भी करते हैं। देश की प्रतिष्ठित कंपनी सीईएल को प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी ने प्रोजेक्ट का सर्वे किया है। सब कुछ सही रहा तो जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। - आईएस सिंह, चीफ इंजीनियर, एमडीए