-फ्रैक्चर हीलिंग के लिए बायोडिग्रेडेबल बोन इंप्लांट तकनीक करेगा हैंडओवर

-सीडीआरआई में 76वां सीएसआईआर फाउंडेशन समारोह वैज्ञानिक गतिविधियों से भरा रहेगा

LUCKNOW: सीएसआईआर के 76वें फाउंडेशन डे समारोह के अवसर पर सीडीआरआई फ्रैक्चर हीलिंग के लिए बायोडेग्रेडेबल बोन इंप्लांट तकनीक को एक कंपनी को हैंडओवर करेगा। इन इंप्लांट्स के मार्केट में आने से मरीजों को सस्ते और बायोडिग्रेडेबल इंप्लांट मिलने का रास्ता साफ होगा, जिससे आने वाले समय में घुटने, हिप इंप्लांट कराने वाले लोगों को कम खर्च करना पड़ेगा।

मरीजों को सस्ते मिलेंगे इंप्लांट

सीडीआरआई के निदेशक प्रो। तपस कुमार कुंडू ने बताया कि सीडीआरआई बुधवार को अपनी नई तकनीक को मेसर्स ऑर्थो रीजेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (ओआरपीएल) हैदराबाद को हस्तांतरित कर रहा है। सीडीआरआई द्वारा विकसित किए जाने वाले ये मेडिकेटेड बायोडिग्रेडेबल बोन इंप्लांट कम लागत वाले होंगे और प्रत्यारोपण सर्जरी की लागत को भी कम कर देंगे। धातु वाले बोन इंप्लांट की तुलना में ये बायोडिग्रेडेबल होने की वजह से फैक्चर की जगह पर नई हड्डी के निर्माण की प्रक्रिया के दौरान अवशोषित हो जाएंगे इसलिए इन्हें हटाने के लिए दोबारा सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही नॉन डिग्रेडेबल इंप्लांट की तुलना में अन्य संक्रमण और आंतरिक चोट या टूट फूट के प्रति भी अधिक सुरक्षित होंगे।

वैज्ञानिकों की टीम ने की खोज

आईआईएसएफ। 2018 के तत्वावधान में सीएसआईआर सीडीआरआई में सुबह एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें विभिन्न स्कूलों, संस्थानों के 2000 से अधिक छात्र और शिक्षक इसमें भाग लेंगे और वैज्ञानिकों से बातचीत करेंगे। स्थापना दिवस समारोह में एनसीएएसआर बंगलुरु के पूर्व अध्यक्ष प्रो। सत्यनारायण राव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

सीएसआईआर सीडीआरआई की टीम के डॉ। अतुल गोयल, डॉ। दिव्या सिंह व उनके शोध छात्रों ने सिंथेटिक यौगिक सीडीआरआई। एस008.399 तैयार किया है जो तेजी से हड्डी के फ्रैक्चर का उपचार (हीलिंग) करता है और हड्डियों में खनिज घनत्व को बढ़ाकर अस्थिक्षय को रोकता है। रिसर्च में पाया की यौगिक सीडीआरआई.एस008.399 की बहुत कम खुराक भी हड्डियों के पुननिर्माण कर फ्रैक्चर में सुधार लाता है। यह यौगिक बहुत ही किफायती है और यह अस्थि निर्माण के लिए आवश्यक कोशिकाओं के विकास और उनके पुनर्जन्म के लिए महत्वपूर्ण बोन मोर्फोनेटिक प्रोटीन के स्त्राव को बढ़ाकर नई अस्थि के निर्माण को भी प्रेरित करता है।

ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर करता है और उन्हें फ्रैक्चर के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। भारत में करीब 50 मिलियन से अधिक लोग आस्टियोपोरोसिस से ग्रसित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक पाई जाती है।

छात्रों के लिए आउटरीच प्रोग्राम

इन्हें किया जाएगा सम्मानित

अवॉर्ड आईआईटी कानपुर के डॉ। अरुण शुक्ला, हैदराबाद के डॉ। पी श्रीहरि और अहमदाबाद के डॉ। अमित जोहरापुरकर को ड्रग डेवलपमेंट एंड रिसर्च में उनके योगदान के लिए दिया जाएगा। साथ ही संस्थान में 25 साल की सेवा पूरी करने और रिटायर होने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।

Posted By: Inextlive