पटाखे जलाते वक्त अक्सर लोग injured हो जाते हैं ऐसे में अगर precautions और first aid को लेकर थोड़ी alertness बरती जाए तो खुद को safe रखा जा सकता है. Doctors के मुताबिक first aid treatment न केवल दर्द से राहत दिलाता है बल्कि injury को serious होने से भी रोकता है.

डॉक्टर्स की मानें तो दीवाली की ढेरों तैयारियों के बीच फस्र्ट एड बॉक्स को अपडेट करना भी शामिल कर लें. फिजीशियन डॉ. राकेश चंद्रा के मुताबिक  ‘इससे न सिर्फ पटाखे जलाते वक्त छोटी-छोटी इंजुरी का वक्त रहते ट्रीटमेंट कर पाते हैं बल्कि सीरियस इंजुरी में भी डॉक्टर की हेल्प मिलने तक पेशेंट को तुरंत राहत मिल जाती है.’
इनसे बचें

तेज आवाज वाले पटाखों से बिल्कुल दूर रहें. डॉ. राकेश के मुताबिक तेज आवाज से आपको टेम्पोरेरी सुनाई देना बंद हो सकता है. बहुत नजदीक से आवाज होने पर कान के परदे फट सकते हैं.पटाखों से निकलने वाली गैसों से अस्थमा और खांसी के पेशेंट को प्रॉब्लम हो सकती है. अस्थमा अटैक भी आ सकता है.जिन्हें डायबिटीज या हार्ट की प्रॉब्लम है उन्हें पटाखों से दूर रहना चाहिए. डायबेटिक पेशेंट के जलने से इंजुरी आसानी से ठीक नहीं होती.


पटाखे जलाने से पहले

पटाखे जलाने के लिए खुली जगह जैसे छत या फिर पार्क में जाएं. इससे पटाखों से निकलने वाली गैसों और आवाज से खुद को बचा पाएंगे.एक बाल्टी पानी अपने आसपास रखें. लूज कपड़े पहनकर पटाखें ना जलाएं. कपड़े कॉटन के ही पहनें, सिंथेटिक कपड़े पूरी तरह अवॉइड करें.


Injury के बाद

जलने वाले बॉडी ऑर्गन्स पर 10-15 मिनट या आराम मिलने तक पानी डालते रहें. अगर कपड़े में आग पकड़ ले तो कम्बल डालने के बजाय पानी ही डालें. ऑयल या दूसरी चीजें लगाने के बजाय बेहतर होगा कि एंटीसेप्टिक क्रीम जैसे सोफ्रामाइसिन लगाएं, दर्द से आराम के लिए पेनकिलर के तौर पर कॉम्बिफ्लेम ले सकते हैं.अगर कपड़ा स्किन से चिपक गया हो तो उसे छुड़ाने की कोशिश ना करें. बर्न ज्यादा सीरियस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. Posted By: Surabhi Yadav