PATNA : पटना में जीएसटी चोरी जमकर हो रही है। शुक्रवार को सेंट्रल जीएसटी के द्वारा 40 प्रतिष्ठानों पर सघन छापेमारी के बाद 154.03 की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। अलग-अलग पकड़े गए इन मामलों में एक बात कॉमन रही कि जानबूझ कर जीएसटी की चोरी की जा रही थी। ताकि उसी पैसे से कारोबार को चमकाया जा सके। इस घटना के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि जीएसटी के बकायेदार कई हैं और जब वे पकड़ में आते हैं तभी जीएसटी जमा करने में जुटते हैं। इससे पहले इसके वे किसी बात की परवाह नहीं करते हैं। सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर रंजीत कुमार के निर्देश पर उपायुक्त पिंकी कुमारी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। इसमें सेंट्रल जीएसटी वेस्ट के पदाधिकारी भी शामिल रहे।

4 माह का अभियान हुआ सफल

इस चोरी का खुलासा करने में जीएसटी अधिकारियों ने चार महीने तक अभियान चलाया। इसमें इंस्पेक्शन, सर्च आदि सभी तरीकों का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई पूरी की गई। इस दौरान सेंट्रल जीएसटी, वेस्ट के पदाधिकारियों ने दानापुर, फुलवारीशरीफ, आरा और बिहटा के 40 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इस घटना को उजागर करने में जीएसटी वेस्ट के अधिकारियों में आभास कुमार, दीनानाथ, नवीन कुमार, संजय कुमार, जेएम तोमर, शंभू शरण चौधरी व अन्य शामिल रहे।

हो रहे चिन्हित

सूत्रों ने बताया कि विभाग की ओर से बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन लिये बड़ा कारोबार करने वालों को चिन्हित करने का काम तेजी से किया जा रहा है। पहले ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा और उनके घरों और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर उनसे जीएसटी की वसूली की जाएगी।

ट्रकों पर नजर

आयुक्त रंजीत कुमार ने अधिकारों को निर्देश दिया है कि आरा से आने वाले ट्रकों का ई-वे बिल चेक किया जाए। ताकि बिना जीएसटी दिये हुए कारोबार करने वाले ट्रांसपोर्टरो से सूद सहित टैक्स कलेक्शन किया जा सके।

पहले भी पकड़े गए

इससे पहले भी जीएसटी जमा नहीं करने वालों पर पटना में कार्रवाई की गई है। 31 मार्च, 2018 से दिसंबर, 2018 तक कुल 460 करोड की टैक्स चोरी का मामला सामने आ चुका है। नियमानुसार जो कारोबारी जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं और जीएसटी नहीं दे रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रावधान है। अधिकारियों ने जीएसटी रद्द करने की बात कही तो कारोबारियों ने टैक्स जमा किया।

Posted By: Inextlive