वर्तमान दौर में ट्वेंटी 20 क्रिकेट के प्रति के खिलाड़ियों और दर्शकों की दीवानगी काफी तेजी से बढ़ती नजर आ रही है। वहीं पांच दिनो तक चलने वाले क्रिकेट के इस पुराने प्रारूप टेस्‍ट को लेकर लोगों का रूझान कम होता जा रहा है। इस बात का जिक्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संघ फीका के मुख्य संचालन अधिकारी टोनी आयरिस ने किया है। उनका कहना है कि इस ओर वैश्विक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी को ठोस कदम उठाने होंगे।


अधिक पैसा मिलना भीअंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संघ (फीका) के मुख्य संचालन अधिकारी टोनी आयरिस ने टेस्ट किक्रेट के भविष्य मंडराते साए को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनक कहना है कि आज के दौर में लोग ट्वेंटी 20 क्रिकेट के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं। सबसे खास बात है कि इसकी लीगों के प्रति खिलाडि़यों का झुकना भी मुख्य कारण है। वे पांच दिनो तक चलने वाले क्रिकेट के इस पुराने प्रारूप टेस्ट की जगह ट्वेंटी 20 क्रिकेट ज्यादा एक्साइटेड रहते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल), बिग बैश लीग जैसी ट्वेंटी-20 लीगों अधिक पैसा मिलना भी है। जिसके प्रति खिलाड़ी और खेल प्रशंसक तेजी से खिचे चले जा रहे हैं। जबकि टेस्ट क्रिकेट उन्हें इन सभी चीजों की कमी रहती है। ठोस कदम उठाने की सलाह
टोनी का कहना है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि खिलाड़ियों को खराब आर्थिक स्थितियों से जूझना पड़ रहा है। जिसकी वजह से भी खिलाड़ी बैश लीग जैसी ट्वेंटी-20 जैसी लीगों में अधिक पैसा मिलने की संभावना से उनकी ओर बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने वैश्विक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भी इस ओर ठोस कदम उठाने की सलाह दी। उनका कहना है कि अगर यही रहा तो एक दिन टेस्ट गुमनामी के अंधेरे में खो जाएगा। ऐसे में अभी भी वक्त है कि इस दिशा में बड़े कदम उठाकर इसके प्रारूप को बचाया जाए। जिससे कि खिलाड़ी और दर्शक दोनों ही इस ओर फिर सें खिंचने लगे।

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Posted By: Shweta Mishra