Allahabad: चेहरे पर विजयी मुस्कान गले में चमकता हुआ ब्रांज मेडल आंखों में जीत का उत्साह और अपनी सरजमीं पर पहुंचने की खुशी. थर्सडे को बमरौली एयरपोर्ट पर उतरी रितुषा आर्य का कुछ ऐसा ही अंदाज रहा. जर्मनी में आयोजित वीमेंस वल्र्ड जूनियर हॉकी में ब्रांज मेडल जीतने वाली इंडियन टीम का हिस्सा रही रितुषा का वेलकम करने के लिए बैंड बाजा के साथ सैकड़ों की तादाद में हॉकी प्रेमी इकट्ठा थे. एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही इलाहाबादियों का सिर फख्र्र से ऊंचा कर देने वाली इस बिटिया ने सिर झुकाकर सबका आभार जताया.

बारिश भी नहीं रोक पाई समर्थकों को

रितुषा का वेलकम करने को लेकर शहवासियों में उत्साह इस कदर था कि तेज बारिश भी उन्हें रोक नहीं पाई। सैकड़ों की तादाद में हॉकी प्रेमियों ने रितुषा को ओपेन जीत पर बैठाकर जुलूस निकाला। जगह-जगह लोगों ने माला पहनाकर रितुषा का जोरदार वेलकम किया। रितुषा की फैमिली भी साथ में थी, बिटिया का यह सम्मान देखकर उनके चेहरे पर भी गर्व की मुस्कान थी। जोरदार स्वागत से अभिभूत रितुषा ने कहा, इतिहास का हिस्सा बनना बेहद सुखद एहसास है। प्रतियोगिता में इंडिया ने इंट्री की थी तो उनकी 9 वीं पोजिशन थी। ब्रांच मेडल जीतकर हम तीसरे पायदान पर पहुंच गए। अपने आवास पर  रितुषा ने आई नेक्स्ट से हॉकी के लिए सपनों पर दिल खोलकर बात की. 

Inspiring song ने भरा जोश

रितुषा ने इस जीत का 50 प्रतिशत श्रेय चक दे इंडिया मूवी के टाइटिल सांग को दिया है। रितुषा ने कहा कि पूरी टीम होटल से ग्राउंड जाते वक्त बस में यही सांग ही सुना करती थी। हमने जबरदस्त प्रैक्टिस की थी, पूरी तैयारी भी थी। लेकिन, इस सांग को सुनने के बाद कुछ ऐसी फीलिंग आ जाती थी कि जीत कर ही मैदान से बाहर आना है. 

पूरी टीम में जीत का जुनून

पूरी टीम ने जबरदस्त प्रैक्टिस की थी। हम लोगों को हर वक्त बस प्रैक्टिस का जुनून सवार रहता था। कंडीशन यह थी कि कभी-कभी कोच नील हारवर्ड तक बॉडी को रिलैक्स देने के लिए कहते थे। हमारे समाने कई स्ट्रांग टीमें थीं। हमारी 9 वीं पोजिशन थी। फिर भी तय कर रखा था कि खाली हाथ नहीं लौटेंगे। खेल में टाइमिंग व टीम एफर्ट बहुत इंपोर्टेट होता है। इन दोनों में हमारी टीम लाजवाब रही। यह जीत उसी का रिजल्ट है. 

चाहत, क्रिकेट से आगे दिखे हाकी

रितुषा की ख्वाहिश हॉकी को क्रिकेट के आगे देखना है। वह कहती हैं कि मैं स्पोर्टस के नाम पर सिर्फ और सिर्फ हाकी को चाहती हूं। हम लोग जमकर मेहनत कर रहे हैं। मेरी ख्वाहिश है कि हम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करें और इस बार ओलपिंक में मेडल जीतकर नया इतिहास रचें। यकीन मानिए, हम अपनी तरह से कोई कमी नहीं रखेंगे और इंडिया के स्पोटर्स प्रेमियों को इसकी खुशी देने का दिली इच्छा है. 

जीत का यकीन ही नहीं हुआ

सबसे बेहतर मोमेंट के जवाब में रितुषा ने इंग्लैंड के साथ मैच का हवाला दिया। कहा मैच टाई हो जाने के बाद सभी निराश हो उठे थे। लगने लगा कि सपना चूर-चूर हो जाएगा। लेकिन, टाई ब्रेकर में टीम की गोल कीपर 

Posted By: Inextlive