-प्राइवेट वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखकर चलने वालों के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान

अब कार एसयूवी या बाइक पर सरकार नहीं चल पायेगा। जी हां आप सही पढ़ रहे हैं। वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार या भारत सरकार लिखकर चलने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस अभियान चलायेगी। वीआईपी कल्चर खत्म करने की ओर योगी सरकार ने एक और अच्छा फैसला सुनाया है। मंत्रियों के कार से बत्ती हटाने के बाद अब अधिकारियों के वाहनों पर लिखे 'उत्तर प्रदेश सरकार' के स्लोगन भी हटाए जाएंगे। बनारस के परिवहन और यातायात विभाग को जारी सर्कुलर में आदेश दिया गया है कि अभियान चलाकर ऐसे वाहनों से स्लोगन हटाया जाए। बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने उत्तर प्रदेश सरकार लिखे वाहनों का रियलिटी चेक किया। इस दौरान अधिकतर जीप और कार पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा मिला। शासन ने तय किया है कि प्राइवेट वाहनों पर ऐसे स्लोगन लिखवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। यही नहीं, सस्पेंड तक की संस्तुति की जाएगी।

कचहरी के आस-पास ज्यादा

रियलिटी चेक में सबसे ज्यादा प्राइवेट वाहन कचहरी और उसके आस-पास खड़े मिले। यहां तमाम सरकारी ऑफिसेस हैं। जिसमें काम करने वाले अधिकारियों की प्राइवेट गाडि़यों पर तो ये स्लोगन लिखा मिला ही कई कर्मचारियों ने भी बाकायदा अपनी गाडि़यों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखवाया है। अभी तक चेकिंग के दौरान ऐसी गाडि़यों को अधिकारी कम ही रोकते थे।

चलेगा अभियान, कटेगा चालान

प्राइवेट वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार स्लोगन लिखकर चलने वालों के खिलाफ जल्द ही आरटीओ और ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से अभियान चलाया जाएगा। इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों की मय वाहन समेत पड़ताल की जाएगी और चेतावनी जारी करते हुए चालान किया जाएगा। शासन ने यह भी फरमान सुनाया है कि यदि दोबारा पकड़े गए तो उक्त अधिकारी व कर्मचारी को सस्पेंड तक किया जाएगा।

मिल रही थीं शिकायतें

अभी तक तो अधिकारियों व कर्मचारियों के प्राइवेट वाहनों पर कलेक्ट्रेट, न्याय विभाग, पुलिस, विकास प्राधिकरण, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग लिखा हुआ देखा जाना आम बात है। दूसरे कई विभागों के कर्मचारी भी अपने प्राइवेट वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखवा लिये हैं। हाल ही में सरकार को इसकी शिकायतें अधिक मिली है। इसको देखते हुए निर्देश जारी किया गया है।

रूल्स को फॉलो कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। ऐसे वाहनों के खिलाफ एमवी (मोटर व्हीकल) एक्ट की धारा 177 के तहत 100 रुपए का जुर्माना किया जाएगा।

एसके सिंह, ट्रैफिक एसपी

Posted By: Inextlive