Kanpur: लोगों की शिकायत पर जीटी रोड की खस्ताहाल कंडीशन का एनएचएआई व पीडब्लूडी एनएच की ज्वाइंट टीम ने किया इंस्पेक्शन. रोड की हालत देखकर टीम ने भी स्वीकारी हकीकत शासन को भेजी रिपोर्ट. 3 साल में न तो जीटी रोड की वाइडनिंग शुरू हो पाई और न ही हो रहा मेंटीनेंस

बद से बदतर
सिटी के बीच से होकर निकलने वाले इंपॉर्टेंट और हिस्टोरिकल हाइवे जीटी रोड की हालत बद से बदतर होती जा रही है। मेंटिनेंस और पैचवर्क के अभाव में ये रोड काफी खतरनाक हो चुकी है। इसके लिए स्थानीय लोग एनएचएआई और पीडब्लूडी में लगातार शिकायतें कर रहे थे। जब शिकायतें हद से ज्यादा हो गईं तो सैटरडे को इन दोनों डिपार्टमेंट्स की ज्वाइंट टीम ने रोड का सर्वे किया। तब जाकर कहीं टीम का सच से सामना हुआ। इंस्पेक्शन के बाद ज्वॉइंट टीम ने फिलहाल अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी है। अब शासन कब इस पर एक्शन लेगा और कब रोड का मेंटिनेंस शुरू होगा, इसके फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं। अब सवाल ये है कि लोगों को कब तक खस्ताहाल जीटी रोड पर खतरनाक सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
 खतरनाक है सफर
  जीटी रोड की वाइडनिंग करने का  बहाना बनाकर एनएचएआई के ऑफिसर रोड का प्रॉपर मेंटीनेंस तक नहीं कर रहे हैैं। पैचवर्क न होने के कारण जीटी रोड पर बड़े-बड़े पॉटहोल्स हो गए हैैं। खासतौर पर गुरुदेव पैलेस से लेकर आईआईटी, अफीमकोठी से जरीबचौकी चौराहा, सीओडी क्रॉसिंग के पास, कृष्णा नगर, रामादेवी आदि जगहों पर जीटी रोड खस्ताहाल है। गुरुदेव पैलेस के आगे मन्धना और शहर सीमा के बाहर तो जीटी रोड और भी खतरनाक है। क्योंकि यहां पर रोड की चौड़ाई काफी कम हो जाती है। कम चौड़ी रोड पर बड़े-बड़े पॉटहोल्स होने और फुटपाथ काफी नीचे होने से गाडिय़ों के पलटने का खतरा बना रहता है। जबकि जीटी रोड से हर रोज सैकड़ों की संख्या में ट्रक व बस भी चलते हैं। इन हालातों के बीच हर दिन करीब 2 लाख लोग जीटी रोड का खतरनाक सफर करने को मजबूर हैैं। इस रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या की भी एक बड़ी वजह भी यही है।

डरे-सहमें लोग

कुल मिलाकर डरे-सहमें लोग लगातार एडमिनिस्ट्रेशन, पीडब्लूडी एनएच व अन्य एनएचएआई ऑफिसर्स से शिकायत की। रोड की खतरनाक स्थिति की फोटो भी भेजी। फोटो में रोड के भयावह हालात देखकर ऑफिसर्स की नींद टूट गई। शासन तक बात भी पहुंच गई है। जिसके बाद नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया के सीजीएम/आरओ कर्नल खुशवन्त सिंह और पीडब्लूडी एनएचएआई डिवीजन के चीफ इंजीनियर पंकज बकाया की ज्वाइंट टीम ने कानपुर से लेकर बेवर तक जीटी रोड का इंस्पेक्शन किया। इसमें कानपुर शहर की सीमा ही नहीं इसके बाहर कन्नौज साइड भी जीटी रोड की ज्यादातर जगहों पर हालत बहुत खस्ताहाल मिली। कई जगह तो उनका सामना खतरनाक पॉटहोल्स तक से हुआ। ऑफिसर्स के मुताबिक ज्वाइंट टीम ने पूरी रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी व प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेज दी है। हालांकि न तो एनएचएआई और न ही पीडब्लूडी-एनच के ऑफिसर्स बता पा रहे हैं कि जीटी रोड की वाइडनिंग कब से शुरू होगी। न ही वे जानकारी दे पा रहे है कि कब लोगों को जीटी रोड के खतरनाक पॉटहोल्स से छुटकारा मिलेगा।  
"एनएचएआई के सीजीएम और पीडब्लूडी एनएच के चीफ इंजीनियर ने जीटी रोड का इंस्पेक्शन किया है, उन्होंने रिपोर्ट शासन को दे दी है। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द जीटी रोड पर मेंटीनेंस वर्क किया जाए."
राजीव अग्र्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई

Posted By: Inextlive