ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

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PRAYAGRAJ: ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में रविवार को महाविद्यालय की फैकल्टी डेवलपमेन्ट सेंटर द्वारा फैकल्टी, एकेडमिक पैरामीटर्स और आर्गेनाइजेशनल परफॉरमेन्स विषयक द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ. संगोष्ठी के समन्वयक प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षक में लुप्त हो चुके गुरु का अन्वेषण करना है. सम्मानित अतिथि नीपा के कुलसचिव प्रो. सुरेश ने कहा राज्य की व्यवस्था हावी होने से शिक्षण संस्थाओं का क्षरण हुआ है और शिक्षक अपने नैतिक दायित्व से विमुख हुआ है. मुख्य अतिथि महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी (बिहार) के कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय के अनुसार आज संस्थाओं को स्वायत्तता तो है परन्तु कोई उत्तरदायित्व निर्धारित नहीं है.

अध्यापक का काम सबसे ऊपर

कुलपति ने कहा कि स्वायत्तता और उत्तरदायित्व में एक अन्तराल है इसी वजह से आज शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा है. हर शिक्षक को अपने अन्दर चाणक्य के समान अग्नि प्र”वलित करनी होगी ताकि कई चन्द्रगुप्त उत्पन्न हो सकें. दिल्ली विवि के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. उ”वल कुमार सिंह ने कहा वैश्वीकरण के दौर में शिक्षा व्यवस्था माप-तौल पर आधारित है. उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष इविवि के प्रो. अली अहमद फातमी ने कहा कि समाज में तीन संस्थाएं महत्वपूर्ण होती हैं, अस्पताल का डॉक्टर, अदालत का मुंसिफ और कॉलेज का अध्यापक. इनमें से अध्यापक का काम डॉक्टर और मुंसिफ से बढ़कर है. शिक्षको का स्वागत आयोजन सचिव डॉ. मनोज कुमार दुबे ने किया. मंच संचालन डॉ. रचना सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुजा सलूजा ने किया.

Posted By: Vijay Pandey