दिल्ली में केजरीवाल सरकार के धरना स्थल पर अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया है.


रफ़ी मार्ग के पास आप समर्थक बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गए. इसके बाद कांस्टीट्यूशन क्लब के पास पुलिस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में झड़पें शुरू हो गईं.पुलिस ने धरनास्थल पर लोगों पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद कुछ लोग धरना स्थल की ओर आए और कुछ बाहर की ओर भाग गए.पुलिस ने धरना स्थल की ओर मार्च करना शुरू कर दिया है. आप कार्यकर्ताओं का कहना है कि लाठीचार्ज में कई लोगों के हाथ-पांव टूट गए हैं.आप समर्थकों का यह भी आरोप है पुलिसकर्मियों ने बैरीकेड पर चढ़े लोगों को खींचकर नीचे गिरा लिया और उन्हें पीटा.हालाँकि आप के नेता संजय सिंह ने समर्थकों से शांति की अपील की है, लेकिन साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस की भी आलोचना की है.'पुलिस की ग़लती'


कई घायल धरनास्थल पर ही पड़े हुए है और उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की जा रही है. लोग दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे हैं.दिल्ली पुलिस का कहना है कि पांच एंबुलेंस मौके पर मौजूद हैं और दो रफ़ी मार्ग पर मौजूद हैं.पुलिस का कहना है कि लाठीचार्ज नहीं किया गया है. आम आदमी कार्यकर्ताओं को पीछे धकेला गया है, हल्का बल प्रयोग किया गया है.

केजरीवाल सरकार की मंत्री राखी बिड़ला ने कहा कि यह सब पुलिस की ग़लती है, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बहुत सभ्य हैं, वह बैरीकेड तोड़ने जैसा काम नहीं करते.उनका कहना था कि दिल्ली पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि रात के समय वो किसी महिला वाले घर में छापा नहीं मार सकती.लेकिन बाद में उस घर में रहने वाली महिलाओं और अफ़्रीक़ी मूल के उनके कई साथियों ने आरोप लगाया कि मंत्री के साथियों ने औरतों के साथ अभद्र व्यवहार किया है.भारती ने इन आरोपों से इनकार किया है.दिल्ली पुलिस ने अदालत के आदेश पर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ युगांडा की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार के लिए एफ़आईआर दर्ज की है.केजरीवाल, भारती के खिलाफ़ पीआईएलसमाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और क़ानून मंत्री पर सड़कों पर "धरना और प्रदर्शन" करने के ख़िलाफ़ दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है.शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने केजरीवाल और भारती की गिरफ़्तारी की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई शुक्रवार को टाल दी थी.

याचिकाकर्ता का कहना है कि चूंकि मंत्री संवैधानिक पदों पर बैठे हैं इसलिए वह अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन नहीं कर सकते.मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने यह याचिका तुरंत सुनवाई के लिए प्रस्तुत की गई थी.याचिकाकर्ता वकील एलएल शर्मा का आरोप है कि मुख्यमंत्री "अपने मंत्री भारती को जांच और अभियोजन से बचाने की कोशिश" कर रहे हैं.कुछ विदेशी महिलाओं ने एफ़आईआर दर्ज कर शिकायत की है कि 15-16 जनवरी की रात को कुछ लोगों ने उनके घर में घुस कर उनसे दुर्व्यवहार और हमला किया था.चार विदेशी महिलाओं, दो नाइजीरिया और दो युगांडाई नागरिक, की याचिका पर दिल्ली की एक अदालत के निर्देश के बाद एफ़आईआर दर्ज की गई थी.

Posted By: Subhesh Sharma