Dehradun: यदि आप चारधाम यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो जरा संभल कर क्योंकि मानसून दस्तक दे चुका है. मानसूनी बारिश से प्राकृतिक आपदा की घटनाएं बढ़ जाती हैं. अब तक विभिन्न कारणों से 84 यात्री यात्रा के दौरान ही दम तोड़ चुके हैं. पहाड़ों से गुजरकर होने वाली यह यात्रा बारिश में और ज्यादा रिस्की हो जाती है. ऐसे में यात्रा पर निकलना खतरे से खाली नहीं है.


सर्पीली सड़कें दे सकती है धोखामौसम विभाग की अनुसार स्टेट में एक या दो दिनों के भीतर मानसून आ जाएगा। ऐसे में यात्रा पर निकलना रिस्की साबित हो सकता है। दरअसल, मानसूनी बारिश से पहाड़ की सर्पीली सड़कें खतरनाक हो जाती हैं। बारिश के चलते यहां लैंड स्लाइडिंग होना भी आम बात है। इसके अलावा चारधाम रूट पर करीब 100 डेंजर जोन भी घोषित किए गए हैं, जो दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील हैं। ऐसे में चारधाम पर निकलना खतरे से खाली नहीं है।बढ़ सकती हैं मुश्किलें


चारधाम यात्रा का रूट टिहरी, देहरादून, उत्तरकाशी व चमोली से होकर गुजरता है। करीब ढाई से तीन हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री तक पहुंचने के लिए 32 किमी पैदल सफर तय करना पड़ता है। यह सफर खासा मुश्किल है। यही कारण है कि अब तक पैदल यात्रा के दौरान 81 यात्री बीच में ही दम तोड़ चुके हैं, जिसमें केदारनाथ पैदल मार्ग पर 42, बदरीनाथ में 19, यमुनोत्री में 14 और गंगोत्री में छह यात्री शामिल हैं। इसके अलावा एक यात्री की डूबने से व एक की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है। वहीं थर्सडे को चमोली जिले में एक रिजोर्ट में मलबा घुसने से बिहार की एक महिला यात्री की मौत भी हो गई। अब तक 84 यात्रियों की जान जा चुकी है।'चारधाम यात्रा मंदिर के कपाट बंद होने तक जारी रहेगी। लैंड स्लाइडिंग के चलते बंद हो रहे मार्ग को खोलने के लिए आयुक्त गढ़वाल कुणाल शर्मा द्वारा संबंधित जिलाधिकारियों के साथ सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे युद्ध स्तर पर मार्ग खोलने का काम पूरा करवाएं.'-योगेंद्र कुमार गंगवार, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी मलबे में दबी एक महिला

वेडनसडे की रात बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चमोली कस्बे से चार किलोमीटर दूर बिरही में पहाड़ी दरकने लगी और मलबा बिरही के एक रिजोर्ट में जा घुसा। हादसे के दौरान बदरीनाथ यात्रा पर आए चार परिवारों के आठ लोग मौजूद थे। सभी ने भागकर जान बचाई। इस बीच यात्रियों में शामिल एक महिला प्रमिला राय (50 ) पत्नी मनोज कुमार शर्मा निवासी न्यू जीरो माइल थाना अयापुर जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) अपना बैग लेने रिजोर्ट में गई। जहां मलबे में दबने से उसकी मौत हो गई। रिजोर्ट के निकट बीआरओ का कैंप भी मलबे की चपेट में आ गया और वहां खड़े चार वाहन दब गए। फिलहाल बदरीनाथ राजमार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है। मार्ग खुलने तक यात्रियों को बदरीनाथ, जोशीमठ, पीपलकोटी में ठहराया गया है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ासू में लगातार पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। इससे केदारनाथ यात्रा पर आए प्रवीण कुमार पुत्र मंगतराम ग्राम जसपुर थाना जथलाई व अमित कुमार पुत्र सुल्तान सिंह बोगथा थाना रागौर, जिला यमुनानगर (हरियाणा)घायल हो गए। घायलों को प्राइमरी हेल्थ सेंटर फाटा में प्राथमिक उपचार दिया गया।

Posted By: Inextlive