यूपी की ब्यूरोक्रेसी पर पूरी तरह लगाम कसने की तैयारी राज्य सरकार ने शुरू कर दी है। जल्द ही अलग-अलग विभागों के कुल 563 अफसरों पर कानून का शिकंजा कसने जा रहा है।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इनके खिलाफ चल रहे मामलों को जल्द निपटाने के लिए गठित स्पेशल टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट में इन सभी अफसरों की कारगुजारियों का ब्योरा है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 15 दिन में एजेंसियों को इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल जाएगी। आपराधिक वारदातें अंजाम दी गयीइसके साथ ही सूबे में हुए तमाम घोटालों की लंबे समय से अटकी जांच प्रक्रिया भी पूरी हो सकेगी। इनमें घोटालों के अलावा ऐसे मामले भी हैं जिनमें अफसरों द्वारा साजिश रचकर आपराधिक वारदातें अंजाम दी गयी। राज्य सरकार लोकायुक्त के हालिया विशेष प्रतिवेदन पर भी कार्रवाई करने के मूड में है। इसमें गोपन विभाग के 14, बेसिक शिक्षा के 12, राजस्व विभाग और ग्राम विकास विभाग के 10-10 और गृह विभाग के चार मामले शामिल हैं। सरकार इस पर कार्रवाई करने के बाद अपनी रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखेगी।
इन विभागों के मामले
विजिलेंस के 61 मामलों में 26 विभागों के 134 अफसर-कर्मचारी मुश्किल में। ज्यादातर मामले बड़े घोटालों से जुड़े है जिनमें सालों से जांच प्रक्रिया को लटकाए रखा गया। इसके अलावा शिक्षा, राजस्व, वन, चिकित्सा सिंचाई विभाग के 10 अफसर भी दायरे में हैं। 10 अफसरों पर कार्रवाई  


ईओडब्ल्यू-18 विभागों के 50 मामलों में 344 सरकारी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलना बाकी है। वहीं ग्रामीण विकास के 32, सहकारिता व समाज कल्याण के 12-12, स्वास्थ्य के 11 और कृषि के 10 अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी है।14 मामले गृह विभाग के सीबीसीआईडी- 21 मामलों में 85 अफसरों, कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी है। खासतौर पर कैबिनेट मंत्री डॉ। रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के मामले में एडीजी जोन बरेली प्रेम प्रकाश व एसपी उन्नाव हरीश कुमार पर गाज गिर सकती है। इसके अलावा 14 मामले गृह विभाग के है।फैक्ट फाइल- 203 अफसर व कर्मचारी बलिया के खाद्यान्न घोटाले में आरोपी- 50 मामले ईओडब्ल्यू के, 344 कर्मचारियों पर जांच की तलवार- 85 के खिलाफ सीबीसीआईडी में गंभीर मामलों की जांच बाकी

प्रदेश के 150 भ्रष्ट अधिकारियों पर कसेगा शिकंजा

Posted By: Shweta Mishra