लीबिया में विद्रोहियों ने कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी को पकड़ने या उनकी हत्या करने वाले गद्दाफ़ी के नज़दीक़ी व्यक्ति को माफ़ी देने की घोषणा की है.

कर्नल गद्दाफ़ी फ़िलहाल कहाँ हैं इसका पता नहीं चल पाया है मगर विद्रोहियों का मानना है कि वह त्रिपोली या उसके आस-पास ही कहीं हो सकते हैं। उधर राजधानी में विद्रोहियों का गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिकों के साथ संघर्ष जारी है जबकि गद्दाफ़ी ने एक ऑडियो संदेश में लड़ने या मरने की बात कही थी।

वहीं अमरीका का कहना है कि अगर लीबिया को दी जाने वाली मदद को फ़्रीज़ करने के मसले पर आम सहमति नहीं बनी तो वह सुरक्षा परिषद में इस पर मतदान कराएगा।

गद्दाफ़ी के आलीशान बाब अल-अज़ीज़िया परिसर में मंगलवार को काफ़ी संघर्ष हुआ था और वो अब भी जारी है। उनके वफ़ादार सैनिकों ने गद्दाफ़ी के जन्म-स्थान वाले तटवर्ती शहर सिर्ते पर क़ब्ज़ा बरक़रार रखा है।

विपक्षी गठबंधन 'नेशनल ट्रांज़िशनल काउंसिल' या एनटीसी के प्रमुख मुस्तफ़ा अब्दुल जलील ने पूर्वी शहर बेनग़ाज़ी में ये घोषणा की कि गद्दाफ़ी को पकड़वाने वाले को माफ़ी दी जाएगी। उन्होंने कहा, "गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिक या सहयोगी तब तक प्रतिरोध नहीं छोड़ेंगे जब तक गद्दाफ़ी पकड़े या मारे नहीं जाते." उन्होंने कहा कि वे कर्नल गद्दाफ़ी के मारे जाने या ज़िंदा पकड़े जाने पर 17 लाख डॉलर देने के व्यापारियों के एक समूह की घोषणा का समर्थन करते हैं।

बाहर निकलने का रास्ता

विद्रोहियों के प्रवक्ता गुमा अल-गमाटी ने बीबीसी को बताया, "कर्नल गद्दाफ़ी के इर्द-गिर्द मौजूद लोग उनके साथ अपराध में बुरी तरह शामिल रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए ये मनोवैज्ञानिक रूप से काफ़ी फ़ायदेमंद होगा। अगर वे गद्दाफ़ी के साथ नहीं मरना चाहते और बचना चाहते हैं तो गद्दाफ़ी को मारकर या उन्हें पकड़कर वे सज़ा से बच सकते हैं." वैसे विद्रोहियों ने ये भी घोषणा की है कि अगर कर्नल गद्दाफ़ी पद छोड़ देते हैं तो वे उन्हें देश से सकुशल निकलने का रास्ता दे सकते हैं।

माना जा रहा है कि कर्नल गद्दाफ़ी का सिर्ते के अलावा दक्षिण में सबाह शहर में काफ़ी प्रभाव है। विद्रोहियों के प्रवक्ता के अनुसार दोनों जगहों पर स्थानीय नेताओं से चर्चा चल रही है जिससे इस संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त किया जा सके। एनटीसी का अनुमान है कि त्रिपोली पर क़ब्ज़े के लिए रविवार से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 400 लोग मारे गए हैं।

वैसे एनटीसी कैबिनेट के प्रमुख महमूद जिबरील का कहना है कि उन लोगों को आर्थिक मदद के रूप में ढाई अरब डॉलर की ज़रूरत है। उनकी प्राथमिकता कर्मचारियों को तनख़्वाह देना और मानवीय सहायता पहुँचाना है। वैसे आगे चलकर इस धन का उपयोग लीबिया में तेल के बुनियादी ढाँचे को फिर से सुधारने में भी हो सकता है। उसे अमरीका में रखे लीबियाई धन पर लगी रोक हटाने की अमरीकी कोशिशों से भी उम्मीद है।

मदद पर लगी रोक हटाने की अमरीकी कोशिशों को दक्षिण अफ़्रीका ने फँसा रखा है क्योंकि वह विद्रोहियों को आर्थिक मदद दिए जाने के पक्ष में नहीं है।

अमरीकी मदद

अगर उस मदद पर लगी रोक हटाने का फ़ैसला होता है तो अमरीकी बैंकों में रखे डेढ़ अरब डॉलर का इस्तेमाल हो सकेगा। इस धन का इस्तेमाल मानवीय कार्यों में किया जाना है न कि सैनिक। जो समिति प्रतिबंधों पर नज़र रखती है उसमें ये फ़ैसला सर्वसम्मति से होना चाहिए मगर दक्षिण अफ़्रीका इस पर राज़ी नहीं है क्योंकि कुछ धन इस तरह से विद्रोहियों के पास चला जाएगा। उसने कहा है कि वह अफ़्रीकी संघ से इस बारे में सलाह मशविरा करने के बाद ही कोई फ़ैसला करेगा।

विरोध बरक़रार रहता है तो अमरीका सुरक्षा परिषद का रास्ता अख़्तियार करेगा और उस सूरत में आम सहमति की ज़रूरत ही नहीं रह जाएगी। एनटीसी का कहना है कि उसने मुख्यालय बेनग़ाज़ी से त्रिपोली ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है मगर गद्दाफ़ी समर्थकों के साथ जारी संघर्ष को देखते हुए पूरा स्थानांतरण कुछ टल सकता है।

Posted By: Inextlive