रांची : चास मंडल के जेल के अधीक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है. नरेंद्र प्रसाद सिंह पर साकची जेल के जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में चश्मदीद होने के बावजूद कोर्ट में मुकरने का आरोप है. इस मामले में हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी के साथ ही गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एसके जी रहाटे व जेल महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण को यह आदेश दिया था कि ऐसे अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करें.

अभियोजन को नहीं किया सहयोग

गैंगस्टर अखिलेश सिंह को जेलर हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हुई है. वह अपनी सजा के खिलाफ हाई कोर्ट गया था, जहां उसकी याचिका एक मई को खारिज हो चुकी है. हाई कोर्ट ने अपने जजमेंट में कड़ी टिप्पणी की है कि जेलर हत्याकांड के तीनों अहम गवाह वार्डन उपेंद्र सिंह व कमल राम के अलावा तत्कालीन सहायक जेलर नरेंद्र प्रसाद सिंह कोर्ट में मुकर गए. इन लोगों ने अभियोजन को सहयोग नहीं किया. एक सम्मानित, अनुशासित सेवा में रहते हुए न्यायालय में मुकर जाना गंभीर अपराध है. अपने सहयोगी की दिनदहाड़े हत्या के मामले में इनका यह रवैया निंदनीय है. अब राज्य सरकार डिसीजन ले कि ऐसे अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इसकी कॉपी मुख्य सचिव, गृह सचिव व जेल महानिरीक्षक को भी भेजी गई है.

यह है मामला

12 मार्च 2002 की सुबह जमशेदपुर में साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय की जेल गेट पर ही अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. तब नरेंद्र प्रसाद सिंह वहां सहायक जेलर थे. इस मामले में साकची जेल के कक्षपाल उपेंद्र सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद यह खुलासा हुआ था कि कुख्यात गैंगस्टर अखिलेश सिंह व उसके सहयोगी संतोष पाठक ने मिलकर जेलर उमाशंकर पांडेय को गोली मारी थी. उन्हें जख्मी हालत में तत्कालीन जेल अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी टाटा मेन अस्पताल पहुंचाए थे, जहां इलाज के दौरान जेलर ने दम तोड़ दिया था. इधर गोली मारकर भागने के क्रम में अखिलेश सिंह का सहयोगी संतोष पाठक पकड़ा गया था. जिसे भीड़ ने अधमरा कर दिया था. अस्पताल में संतोष पाठक ने भी दम तोड़ दिया था. उसके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर ली गई थी. इस कांड में दो वार्डन उपेंद्र सिंह व कमल राम के अलावा सहायक जेलर नरेंद्र प्रसाद सिंह घटना के चश्मदीद थे.

जेलर रह चुके हैं नरेंद्र प्रसाद सिंह

नरेंद्र प्रसाद सिंह साकची जेल के सहायक जेलर थे. बाद में वे बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल होटवार के जेलर रह चुके हैं. यहां से प्रोन्नत होकर ही वे चास मंडल जेल के अधीक्षक बने थे. वर्तमान में वे चास में ही तैनात हैं.

वर्जन

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जेल अधीक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्हें शो-कॉज नोटिस भी दिया जाएगा.

वीरेंद्र भूषण, जेल महानिरीक्षक, झारखंड

Posted By: Prabhat Gopal Jha