दरख्वास्त लेकर चले गए

- घंटों किया इंतजार फिर भी हाथ लगी निराशा

- कार्रवाई का मिला आश्वासन, अभी करना होगा इंतजार

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

उत्तर प्रदेश सरकार का मुख्य सचिव बनने के बाद आलोक रंजन पहली बार गोरखपुर आए। जब वे आए तो गोरखपुराइट्स को बहुत उम्मीद थी कि वे उनकी सुनेंगे, ले िकन ऐसा कुछ नहींहुआ। उन्होंने पब्लिक की दरख्वास्त तो ली, लेकिन उसे लेकर वे चले गए। किसी भी दरख्वास्त पर कोई फौरी कार्रवाई नहींकी गई। वे सबकी ए प्लीकेशन सहेजकर चले गये।

सुबह से बैठे थे, अब साहब डांट रहे हैं

चीफ सेक्रेटरी दोपहर करीब 12.16 मिनट पर जीडीए पहुंचे। वहां पहले से ही टेंट के नीचे करीब ढाई सौ लोग उनका इंतजार कर रहे थे। चीफ सेक्रेटरी के पहुंचने पर लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इसके बाद वे अपनी फरियाद सुनाने लगे। सुबह से बैठे लोग बस किसी तरह अपनी फरियाद मुख्य सचिव को सुनाना चाहते थे। सही व्यवस्था न होने से लोगों में आपाधापी मच गई। लोगों के बीच धक्का मुक्की होने पर जिले के बड़े अफसरों ने कुछ लोगों को डांट दिया। इससे पब्लिक गुस्से में आ गई। एक व्यक्ति जोर- जोर से चिल्लाने लगा कि सुबह से बैठे हैं, साहब डाट रहे हैं। फरियादियों की भीड़ में लोगों ने अपनी बात कही लेकिन मौके पर किसी का समाधान नहीं हुआ। 12.39 मिनट पर पब्लिक मीटिंग से उठकर चीफ सेक्रेटरी चले गए। उनके साथ आए प्रिसिंपल सेक्रेटरी पब्लिक की एप्लीकेशन सहेजकर ले गए। इस तरह उन्होंने करीब 250 लोगों की फरियाद 23 मिनट में सुन ली। यानि उन्होंने एक फरियादी पर केवल 5.52 सेकेंड खर्च किए।

चीफ सेक्रेटरी का हाथ पकड़कर रोई महिला

करीब एक साल से न्याय की उम्मीद में दौड़ रही एक महिला ने चीफ सेक्रेटरी का हाथ पकड़ लिया। वह फूट-फूटकर रोने लगी जब सीएस का ध्यान उसकी तरफ गया तो वह पैर छूने की कोशिश करने लगी। हालांकि तब तक सहयोगी अफसर महिला की एप्लीकेशन थाम चुके थे। कार्यवाई होने का आश्वासन सीएस ने दिया। महिला कु समौल के बड़हरा से आई थी।

शिकायत तो बहुत थी सरकार

'चौरीचौरा के तहसीलदार आम बेचकर खा गए.' यह शिकायत लेकर कुसम्ही बाजार के शेषनाथ जायसवाल पहुंचे थे। उनके हाथ में शिकायतों का अंबार था। अभी एक दो मामलों को वह सीएस तक पहुंचा पाए तभी उनको अफसरों ने किनारे कर दिया। उनसे किसी ने पूछा कि कितनी प्रॉब्लम लेकर आए हो तो उन्होंने कहा कि शिकायत तो बहुत थी सरकार, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। खोराबार से आए एक व्यक्ति ने डेढ़ साल बाद भी मुकदमा न दर्ज होने की शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान चीफ सेक्रे टरी के पास पहुंचे महेंद्र सिंह राणा ने भोजपुरी में चीफ सेक्रेटरी से अटपटा सा सवाल पूछ लिया। मिलने पहुंचे तो कहाकि तोहई मुख्य सचिव हवाउनकी बात सुनकर चीफ सेक्रेटरी हक्के- बक्के रह गए।

ताल, पोखरों से हटवा दीजिए कब्जा

कूड़ाघाट के मोहनलाल ने ताल पोखरों पर अवैध कब्जा का मामला उठाया। उन्होंने कब्जेदारों का नाम भी बताया, लेकिन कब्जेदारों का नाम सुनकर सीएस शांत हो गए। थोड़ी देर बाद वह चले गए तो भीड़ में पीछे से लोगों ने भारत माता की जय का नारा लगाया। सीएस की पब्लिक मीटिंग में जमीन पर कब्जे को लेकर ज्यादा शिकायतें आई। गोरखपुर के साथ- साथ आसपास जिलों से फरियादी आए थे। लोगों को उम्मीद थी कि अपनी बातों को आराम से सीएस तक पहुंचा सकेंगे। हालांकि कुछ लोगों का ही अरमान पूरा सका।

जीडीए नहीं, हकीकत देखिए

संतोषजनक मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर मानबेला किसान संघर्ष समिति के लोग भी पहुंचे। उन लोगों ने सीएस को अपनी फरियाद सुनाई। कहा कि मुआवजा न मिलने से किसानों का बड़ा नुकसान हो रहा है, तभी एक व्यक्ति ने कहा कि जीडीए चकाचक है। इसको मत देखिए जीडीए की जो हकीकत है, उसका पता लगाइए। हालांकि उसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।

खास रही चैंबर ऑफ ट्रेडर्स की मीटिंग

सीएस की मीटिंग में चैंबर ऑफ ट्रेडर्स की मीटिंग खास रही। दोपहर करीब 12.42 बजे मीटिंग शुरू हुई जो आधे घंटे से ज्यादा मीटिंग चली। लेकिन इस मीटिंग के दौरान के हॉल के आसपास किसी को फटकने नहीं दिया गया। सीढि़यों पर मौजूद पुलिस ने सभी को रोक दिया। बिजनेसमैन की मीटिंग को लेकर जीडीए में चर्चा होती रही।

जेई, एइईएस पीडि़तों को मिली मदद

जेई, एइईएस से पीडि़त 100 फैमिली को 50-50 हजार का चेक दिया गया। कुछ लोगों को सीएस ने अपने हाथों से चेक दिया। अन्य लोगों ने जिले के अफसरों ने चेक दिया। लंच के बाद कानून- व्यवस्था, डेवलपमेंट के कामों की समीक्षा हुई। पीडब्ल्यूडी, हेल्थ, ड्रेनेज सहित सभी विभागों के दोनों मंडलों के प्रमुख अधिकारियों से सीएस ने गोरखपुर, बस्ती मंडल का हाल जाना।

सीएस ने देखा शहर का कूड़ा

सिटी में इधर-उधर कचरा पाटे जाने की शिकायत को को सीएस ने गंभीरता से लेते हुए सिटी को साफ- सुथरा बनाने की जरूरत पर जोर दिया। सफाई व्यवस्था में कमी पाते हुए उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने ने सफाई व्यवस्था को ठीक कराने का निर्देश अफसरों को दिया। सफाई के बाद कूड़ा इधर-उधर फेंके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना लाई जाएगी।

इन समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

-जेई, एईएस के प्रभाव को कम, बीमार लोगों को समुचित इलाज का होगा इंतजाम

-जेई, एईएस के पेशेंट को 102 और 108 नंबर की एंबुलेंस तत्काल हॉस्पिटल ले जाएगी।

-जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाएगी। पंखों की तादाद बढ़ाने पर दिया जोर

-गीडा में इंडस्ट्रीयालिस्ट को सभी सुविधाएं देने, नये प्लाट्स में उद्योग लगाने पर जोर

-नेशनल हाइवे गोरखपुर- बड़हलगंज की मरम्मत को प्राथमिकता में पीडब्ल्यूडी से कराने का आश्वासन

-जिले की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराने, सिटी के इंट्री प्वाइंट पर फोरलेन का कंस्ट्रक्शन तेजी से कराया जाए

-मंडी में अधूरे पड़े कामों को पूरा कराने का निर्देश दिया

-बारिश से पहले बंधों की मरम्मत कराए जाने पर जोर दिया। मंडल में 143 जगह बंधे संवेदनशील है। बरसात के पहले उनकी मरम्मत, बाढ़ का खतरा रोकने का निर्देश दिया।

सपा के लिए अलग इंतजाम, शोरगुल में दब गई बात

सपा से जुड़े लोग सीएस से मिलकर उन तक अपनी बात आसानी से पहुंचा सके। इसके लिए अलग से इंतजाम किया गया था। सर्किट हाउस में सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से मिलने के बाद वे मीटिंग हॉल में पहुंचे। वहां सपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता पहले से मौजूद थे। सीएस बैठे तो एक- एक कर प्रॉब्लम सुनाने या अपनी बात पहुंचाने के बजाय लोगों ने धक्कामुक्की शुरू कर दी। शोरगुल इतना होने लगा कि डीएम, एसएसपी, एसपी उनको शांत कराने में लगे। मछली मंडी जैसे हालात से सीएस का मन खिन्न हो गया। 20 मिनट के भीतर ही वो हॉल से निकल गए।

एसएसपी को आया गुस्सा, कैसे पहुंचे भीतर

सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों से मिलने सीएस पहुंचे। थोड़ी ही देर बार डीजीपी भी आ गए। इस दौरान कुछ लोग कमरे में प्रवेश कर गए। उनमें शामिल लोगों ने पुलिस की शिकायत कर दी। तभी कमरे से तमतमाए एसएसपी आकाश कुलहरी बाहर निकले। उन्होंने एसपी, सीओ और एसआई को डांटते हुआ कहा कि देख नहीं सकते हो। लोग कैसे भीतर चले जा रहे हैं। इसके बाद कमरे के बाहर सख्त पहरेदारी हो गई। प्रशासनिक अफसरों को भीतर जाने में प्रॉब्लम हुई। शाहपुर एरिया के अंकुर सिंह के पैरेंट्स भी सीएस से मिलने पहुंचे। वे लोग चिल्ला चिल्लाकर आरोप लगा रहे थे पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कराई थी। इस स्थित को संभालने में पुलिस काफ ी असहज दिखी।

इन मुद्दों पर ध्यान दिलाने की हुई कोशिश

-झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

-सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना को लागू करने

-नगर निगम के पार्षदों का भत्ता बढ़ाने की मांग

-ग्राम रोजगार सेवकों के समायोजन की मांग

गिरेगी गाज, करना पड़ेगा इंतजार

सीएस की समीक्षा बैठक में देर शाम तक सब कुछ ठीक रहा। मीटिंग से निकलने वाले अफसरों के चेहरों पर किसी तरह का तनाव नजर नहीं आया। इससे साफ जाहिर हुआ कि मीटिंग में सब कुछ ओके रहा। हालांकि मुख्य सचिव के साथ एक अफसर ने इशारा किया कि कुछ अफसरों पर लापरवाही के लिए गाज गिरेगी। लेकिन उन्होंने नाम बताने से इंकार कर दिया। अलबत्ता यह कहा कि खराब सड़कें, गंदगी और कानून- व्यवस्था सहित कई शिकायतों में सीएस ने जिम्मेदार अफसरों का नाम नोट किया है। इसको लेकर सर्किट हाउस में चर्चा होती रही।

सीएस के साथ आए थे ये अफसर

सीएस के साथ प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, स्टाफ ऑफीसर आशीष गोयल, प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग सुनील कुमार, प्रमुख सचिव लघु उद्योग महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास धीरज साहू और सचिव गृह विभाग संजय प्रसाद मौजूद रहे।

गोरखपुर, बस्ती मंडल की समीक्षा बैठक करने विशेष तौर पर आया। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल का इंस्पेक्शन किया। जनप्रतिनिधियों और पब्लिक से जनसम स्याओं को सुना गया। उन सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभाग के अफसरों को निर्देश दिया गया है।

आलोक रंजन, चीफ सेक्रेटरी, यूपी गवर्नमेंट

Posted By: Inextlive