चेस चैंपियन विश्वनाथन आनंद हाल ही में पटना पहुंचे तो उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों में पोटेंशियल हैं यहां के बच्चों को चेस के लिए मोटिवेट करना चाहिए.


आनंद ने कहा, "मुझे चेस की ओर मेरी मां ने मोटिवेट किया, जिसके कारण मैं बहुत कम उम्र में ही चेस की ओर मुड़ा। " चेस के वल्र्ड चैंपियन लेकिन रैंकिंग में दूसरे पायदान पर खिसकने के बाद भी इंडियन ग्रैंड मास्टर निराश नहीं है। इंतजार है इसी साल सितंबर से शुरु होने वाले टूर्नामेंट्स का। हाल ही में नार्वे के मैग्नम कालसन से हारने के बाद रैंकिंग में आनंद पिछड़ गये थे। आनंद फिलहाल नंबर दो की पोजीशन पर हैं और आने वाले वक्त में नंबर एक पर पहुंचने के लिए बेकरार हैं। आनंद सिर्फ चेस की बातें करते हैं और उन्हें चेस से इतर कुछ भी बहुत अधिक नहीं भाता।


आनंद शुक्रवार को एनआईआईटी द्वारा आयोजित माइंड चैंपियंस एकेडमी - चेस मास्टर 2011 के विनर्स को फेलिसिटेट करने पटना आए थे। इस दौरान उन्होंने बच्चों से भी बातें की और उन्हें चेस खेलने के लिए मोटिवेट भी किया।

'बिहार में है पोटेंशियल'

आनंद ने कहा कि  उन्होंने कहा कि चेस एक ऐसा गेम है जिसके लिए ना बहुत स्पेस की आवश्यकता है और ना ही बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की। जबकि इसके जरिए काफी कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चेस को प्रोमोट करने के लिए स्कूल लेवल पर तो प्रयास होने ही चाहिए, साथ ही स्टेट गवर्नमेंट को भी प्रयास करना चाहिए। आनंद ने कहा कि बिहार में चेस पॉपुलैरिटी का ही नतीजा है कि माइंड चैंपियंस में असम की महाश्वेता कुमार के बाद मुजफ्फरपुर के मुकुल को सेकेंड पोजीशन मिली है। 'मेरी मां ने सिखाया चेस'वर्ल्ड में चेस के चैंपियन आनंद की चेस खेलने की शुरुआत उनके घर से ही हुई थी। अपनी रैंकिंग में गिरावट के बारे में आनंद ने कहा कि यह एक गेम है इसमें हारजीत होती रहती है। अभी आने वाले वक्त में सितंबर से दिसंबर महीने तक रैंकिंग टूर्नामेंट होने हैं। इसमें काफी मौका है। वहीं इजरायली ग्रैंड मास्टर बोरिस गेलफैंड से चुनौती मिलने के बारे में आनंद से कहा कि यह मुकाबला अभी दूर है। इसे अगले साल होना है जिसके लिए अभी तक वक्त और जगह भी फाइनल नहीं है। इसलिए अभी कांसंट्रेशन इस साल होने वाले टूर्नामेंट्स पर है।'डोपिंग का समाधान हमें ही ढूंढना है'
डिफरेंट गेम्स में हाल के दिनों में डोपिंग के बढ़ते असर के बारे में आनंद ने कहा कि यह एक समस्या है, जिसका समाधान खिलाडिय़ों को ढूंढना होगा। किसी भी गेम को कूल होकर खेलना चाहिए। मैं सभी चेस प्लेयर्स से बस कूल होकर चेस खेलने के लिए कहता हूं। बाकी लोगों को भी यही करना चाहिए। वहीं क्रिकेट के बारे में सवाल पूछने पर आनंद का सिर्फ इतना कहना था 'मैं सिर्फ चेस पर ध्यान देता हूं और चेस को प्रोमोट करता हूं।

Posted By: Inextlive