महाराष्‍ट्र सदन घोटाला केस में बड़ा कदम उठाते हुए प्रर्वतन निदेशालय ने महाराष्‍ट्र के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री और नेशलिस्‍ट कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता छगन भुजबल को पूछताछ के बाद देर रात हिरासत में ले लिया। आज उन्‍हें अदालत के सम्‍मुख पेश किया जायेगा।


राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया
करोड़ों रूपये के महाराष्ट्र सदन घोटाला केस में महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिऱफ्तार कर लिया है। आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले वो प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के सामने पेश हुए थे। भुजबल की गिरफ्तारी पर भाजपा सांसद किरीट सौमैया ने कहा कि आखिरकार उनकी गिरफ्तारी हो ही गई। अब सिंचाई घोटाले में एनसीपी के एक और कद्दावर नेता अजीत पवार और सुनील तटकरे की बारी है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा कि भुजबल की गिरफ्तारी भाजपा के प्रतिशोध का नतीजा है। उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ेंगे। सोमवार को करीब ग्यारह बजे छगन भुजबल ईडी के दक्षिणी मुंबई के बेल्लार्ड पियर ऑफिस पहुंचे। उनके पहुंचते ही वहां पर काफी तादाद में पहले से खड़े एनसीपी कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के सामने नारे लगाने शुरू कर दिए। जिसके बाद पुलिस ने वहां पर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हालांकि, पुलिस पहले से ये मानकर चल रही थी कि छगन भुजबल के पहुंचने पर एनसीपी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए वहां पर पहले से ही मुंबई पुलिस की तरफ से निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया था। इसके तहत प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर के अंदर या बाहर पांच से अधिक लोगों के एक साथ मौजूद रहने पर पाबंदी थी।पिछले महीने हुई थी भतीजे समीर की गिरफ्तारीगौरतलब है कि पिछले हफ्ते ईडी के तरफ से छगन भुजबल को 14 मार्च को पेश होने के समन भेजा गया था। छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल को ईडी ने पिछले महीने की एक तारीख को प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही, एजेंसी ने छगन भुजबल के बेटे पंकज भुजबल से भी पूछताछ की थी। ईडी ने पंकज का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था ताकि वो देश छोड़कर ना जाए। ईडी का आरोप है कि काले धन को वैध बनाने के इस घोटाले में छगन भुजबल का महत्वपूर्ण रोल है जिसके चलते राज्य को करीब 870 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। उसके बावजूद भुजबल सही तथ्यों के साथ एजेंसी के सामने नहीं आ रहे हैं।क्या है महाराष्ट्र सदन घोटाला  


ईडी का आरोप है कि भुजबल की कई ऐसी कंपनियां है जिसके जरिए कई संदेहास्पद लेनदेन हुआ है जिसका कोई ब्यौरा उस फर्म के पास नहीं है। ईडी का ये भी आरोप है कि भुजबल ने प्रोजेक्ट के कांट्रैक्टर से अवैध तरीके से फर्म के जरिए पैसे लिए थे और उसे व्यवासायिक लेन-देन का हिस्सा बताया गया। भुजबल पर आरोप है कि उन्होंने नियमों की अनदेखी कर कॉन्ट्रेक्ट दिया। इसके बदले में भुजबल के परिवार की कंपनियों और ट्रस्ट को रिश्वत दी गई। 2012 में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र सदन केस में भुजबल के खिलाफ एसीबी जांच की मांग की। 11 जून 2015 को एसीबी ने छगन भुजबल समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मामला नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन की नई बिल्डिंग के कन्स्ट्रक्शन को लेकर है। आरोप है कि कन्स्ट्रक्शन के ठेके देने में गड़बड़ियां हुई थीं। मनमाने तरीके से कंपनियों को ठेके दिए गए। ये सभी कंपनियां भुजबल फैमिली के मेंबर्स ने बनाई या उनके नियंत्रण में थीं। बता दें कि दिल्ली में इस भवन को बनाने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई थी।

inextlive from India News Desk

Posted By: Molly Seth