छठ पूजा 2018: जानें बुधवार प्रात: अर्घ्य का शुभ समय, ऐसे पूर्ण करें अपना व्रत
चार दिवसीय छठ पूजा का समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। कल प्रात: यानी बुधवार प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंट तक उपवास रखने वाले व्रतधारी कच्चे दूध का शरबत पीकर और प्रसाद खाकर अपना व्रत पूरा करते हैं।
छठ पूजा का प्रारंभ नहाय खाय 11 नवंबर से हुआ था। उसके बाद दूसरे दिन सोमवार को खरना था। शाम के अर्घ्य से तीसरे दिन यानी मंगलवार का कार्यक्रम सम्पन्न होता है। प्रात: अर्घ्य का समयअगले दिन बुधवार प्रात:कालीन अर्घ्य का समय सुबह 6.30 बजे है। व्रतधारी सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होते हैं फिर अपने परिजनों और आस—पड़ोस के लोगों के साथ उस घाट पर जाते हैं, जहां पर मंगलवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया था। वहां पर वे अन्य व्रतधारियों के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं, फिर कच्चे दूध का शरबत और प्रसाद ग्रहण करके अपना व्रत पूर्ण करते हैं।
मंगलवार को शाम का अर्घ्यइससे पहले तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिन में छठ के प्रसाद के रूप में ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाते हैं। प्रसाद में फल जैसे मूली, गन्ना, गागर नींबू, नींबू, अदरक आदि शामिल होते हैं। फिर शाम को सभी व्रतधारी नदी या तालाब के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। खासतौर पर सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद छठ मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की जाती है।
पूजा का फलसूर्य की उपासना का पर्व छठ चौथे दिन उदयगामी सूर्य के अर्घ्य देने से सम्पन्न होता है। इस दौरान छठ मैय्या की पूजा करने से व्रतधारी की संतानें सुरक्षित रहती हैं और उनकी आयु लंबी होती है।छठ पूजा 2018 : दुर्लभ संयोग में मनाया जाएगा लोक आस्था का महापर्वछठ पूजा 2018: प्रसाद इन दो चीजों के बिना है अधूरा