हाल ही छत्तीसगढ़ के एक गांव में एक मगरमच्छ की माैत से ग्रामीण सदमे में हैं। उसके अंतिम संस्कार में गांव वाले फूट-फूट कर रो रहे थे। जानें क्या था गांव वालों आैर इस मगरमच्छ का कनेक्शन...


कानपुर। आपने अपनों के बिछुड़ने पर या गांव के दूसरे इंसान की माैत पर पूरे गांव को सुबकते देखा होगा लेकिन क्या किसी मगरमच्छ की माैत पर ऐसा होते देखा है। शायद नहीं लेकिन इन दिनों छत्तीसगढ़ के बाबा मोहतरा गांव का एक ऐसा ही मामला सुर्खियों में है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा में बना है। हाल ही में यहां पर मगरमच्छ गंगाराम की माैत हो गई है। मगरमच्छ गंगाराम इसी गांव के एक तालाब में रहने वाले करीब सौ साल से रह रहा था। खास बात तो यह है कि गंगाराम की उम्र भी करीब 130 साल की थी। गंगाराम से एक घर के सदस्य जैसा नाता था
वहीं इस गांव के लोगों का मगरमच्छ गंगाराम से एक घर के सदस्य जैसा नाता था। लाेग इसका बहुत अच्छे से ख्याल रखते थे। उसे अच्छी से अच्छी चीजें खिलाते थे। ऐसे में जब हाल ही में गंगाराम ने चार दिन पहले इस दुनिया को अलविदा कहा तो गांव वालों का बुरा हाल हो गया। वे उसकी माैत पर रो रहे थे। खबराें की मानें तो गंगाराम का पोस्टमार्टम कराया गया। इतना ही नहीं उसका अंतिम संस्कार भी किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लाेग शरीक हुए। ग्रामीणों ने सुबकते हुए उसके माथे पर गुलाल लगाकर फूल आदि चढ़ाए थे।

Posted By: Shweta Mishra