आईएएस वीक के पहले दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मेलन में तमाम आईएएस अफसरों के अच्छे काम को सराहा.

- यूपी के आईएएस सबसे बेहतर, कई योजनाओं में पाई सफलता

- पिछली सरकार में भी यही अधिकारी थे, अब बदला है माहौल

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LUCKNOW: आईएएस वीक के पहले दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मेलन में तमाम आईएएस अफसरों के अच्छे काम को सराहा तो कुछ को उनकी कमजोरियां भी बताई। यूपी के नौकरशाहों को देश में सर्वश्रेष्ठ बताते हुए बोले कि मुश्किल कुछ भी नहीं, बस संकल्प के साथ जुटना होगा। बोले कि पिछली सरकार में भी यही अफसर थे, लेकिन अब माहौल बदला है। कुछ अफसरों को इशारा किया कि वे जिलों में जनता की शिकायतों को सुनें ताकि उनको राजधानी तक आकर गुहार न लगानी पड़े। योगी ने कुंभ का आयोजन करने वाले अधिकारियों की सराहना करने के साथ यह भी कहा कि बेहतर होता अगर आप आईएएस वीक का आयोजन भी प्रयागराज में करते।

संवाद से बनेगी अच्छी छवि
विधानभवन के तिलक हॉल में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मेलन में योगी ने कहा कि जनता से संवाद करने से ही सरकार की छवि अच्छी बनती है। लोकतंत्र में संवाद सबसे बड़ी ताकत है। अधिकारियों को मुख्यालय पर रहने की नसीहत देते हुए उन्होंने डीएम और कमिश्नर को अधिक से अधिक पीडि़तों की बातें सुनने का निर्देश भी दिया। कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। आईएएस अफसरों का हौसला बढ़ाते हुए बोले कि आपके सक्रिय सहयोग से प्रदेश बहुत जल्द स्वच्छता मिशन में आगे निकला। सौभाग्य योजना में एक करोड़ कनेक्शन दिए गए। पूर्वाचल की महामारी बन चुकी जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामलों में कमी आई। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना सरकार की प्राथमिकता है। फिर भी कहीं-कहीं गड़बड़ी की खबरें प्रकाश में आती हैं। इन पर अंकुश लगना चाहिए। वहीं एंटी रोमियो स्क्वॉयड पर बोले कि पीडि़ता को स्क्वॉयड के पास आने की जरूरत न पड़े, स्क्वॉयड खुद उसके पास पहुंचे। मुख्यमंत्री ने आईएएस वीक के तहत अपने आवास पर अधिकारियों को लंच भी दिया।

महिलाओं और बच्चों का खास ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी महिला या बच्चे के साथ कोई अपराध होता है तो अफसरों को खुद उनके पास जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। यह सुनिश्चित हो कि पीडि़तों को न्याय के लिए भटकना न पड़े। हिदायत दी कि कुछ अफसर अपना काम दूसरे अधिकारियों पर टालते हैं। वो दूसरों को अपना काम देने से बचे और जिम्मेदारियां खुद लें ताकि बेहतर परिणाम मिलें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ और कई जिलों में इस तरह की शिकायतें आती हैं कि अफसर अपना काम नहीं करते बल्कि मातहतों पर डाल देते हैं। इस प्रवृत्ति से उनको बचना चाहिए।

अफसरों ने दिए प्रेजेंटेशन
इस दौरान तमाम अफसरों ने अपने प्रेजेंटेशन भी दिए जिसमें सरकारी योजनाओं को आसान तरीके से जनता के बीच ले जाने के उपाय बताए गये। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने कानून-व्यवस्था पर प्रेजेंटेशन दिया। इसी तरह डीएम नोयडा ने नेम व शेम प्रिंसिपल के इंटीग्रेटेड प्रयोग, डीएम सिद्वार्थनगर ने सक्षम सिद्धार्थनगर, मंडलायुक्त लखनऊ ने अमृत एवं स्मार्ट सिटी, मंडलायुक्त आगरा ने नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने की योजना, मंडलायुक्त बरेली ने खाद्य सुरक्षा व एमएसपी पर खरीद, डीएम फिरोजाबाद ने गोवंश का संरक्षण, डीएम गाजियाबाद ने ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, डीएम सहारनपुर और मंडलायुक्त गोरखपुर ने आयुष्मान भारत योजना, मंडलायुक्त मेरठ ने सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम आदि पर प्रेजेंटेशन दिया।

Posted By: Inextlive