राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट ओडीओपी योजना के तहत दिसंबर माह तक प्रदेश के दस लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने जा रही है।

फैक्ट फाइल
- एक लाख 65 हजार हस्तशिल्पियों को जोडऩे का लक्ष्य
- 24 जनवरी को जब राष्ट्रपति ने की थी शुरुआत
- 11 हजार 755 अब तक हस्तशिल्पी जुड़ चुके हैं
- 1 हजार 10 करोड़ रुपये कारीगरों को बैंकों के जरिये ऋण
- 120 को टूल्स किट उपलब्ध कराया गया
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LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को शहीद पथ स्थित अवध शिल्प ग्राम में आयोजित ओडीओपी प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के दौरान यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना में एक लाख करोड़ से अधिक निवेश प्रस्तावित है जिसमें दस लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। योगी ने कहा कि हुनर प्रदर्शित करने के लिए सरकार ने मंच दिया है और शुरुआत के लिए बजट की भी कमी नहीं होने दी जाएगी। दिसंबर में हम एक बड़ा आयोजन भी करने जा रहे हैं। वहीं पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि पहले लोग डर की वजह से यहां निवेश के लिए नहीं आते थे। पिछली सरकारों ने हुनर को भी खेमेबंदी में बांट दिया। लाखों नौजवानों को पलायन के लिए मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान 'चिकनकारी व जरी-जरदोजी' पर केंद्रित एक कैटलॉग का विमोचन भी किया।
चिकनकारी और जरदोजी का जलवा
प्रदर्शनी में आठ जिलों के चिकनकारी व जरी-जरदोजी से जुड़े हस्तशिल्पियों के समिट को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया। समिट में उन्नाव, बरेली, शाहजहांपुर, ललितपुर, बदायूं, चंदौली, कासगंज और लखनऊ के कारीगर शामिल हुए। योगी ने कहा कि इस योजना से एक लाख 65 हजार हस्तशिल्पियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 24 जनवरी को जब राष्ट्रपति ने इसकी शुरुआत की तब 4500 हस्तशिल्पी जुड़े थे लेकिन, अब तक 11755 हस्तशिल्पी जुड़ चुके हैं। इन कारीगरों को बैंकों के जरिये 1010 करोड़ रुपये ऋण और 120 को टूल्स किट उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने दस-दस उद्यमियों को प्रतीकात्मक रूप से ऋण के चेक और टूल्स किट दिए। योगी ने कहा कि देश के कई राज्यों ने इसे मान्यता दी है। जम्मू तथा आंध्र प्रदेश में इसे लागू किया जा रहा है। सरकार इन हुनरमंदों के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराकर बिचौलियों को किनारे कर देगी। आने वाला समय प्रदेश के उद्योगपतियों के लिए पूरी तरह अनुकूल होगा।

कई शहरों में होगा आयोजन

वहीं सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि पिछली सरकारों ने परंपरागत उद्योगों को आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं बनाई लेकिन, मुख्यमंत्री की प्रेरणा से यह संभव हो सका। मुख्य सचिव डॉ। अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि जल्द वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली और आगरा में भी समिट का आयोजन होगा। इस मौके पर डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, ग्राम्य विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, राज्यमंत्री मनोहर लाल कोरी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, सचिव भुवनेश कुमार, आयुक्त व निदेशक के रवींद्र नायक समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे। 

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Posted By: Shweta Mishra