- दून में लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की एक बार फिर खुली पोल

- सीएचसी प्रेमनगर से गर्भवती महिला को दून अस्पताल किया गया रेफर, समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण सड़क पर हुआ प्रसव

DEHRADUN: देहरादून के पंडितवाड़ी में गर्भवती ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया और उपचार के अभाव में कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई। साल के पहले दिन सूबे के सीएम ने 136 बेड के नए अस्पताल का शिलान्यास किया वहीं, दूसरी ओर लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण सड़क पर नवजात ने दम तोड़ दिया। इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

समय पर नहीं मिली एंबुलेंस

जानकारी के अनुसार जनपद चमोली का रहने वाला 30 वर्षीय युवक पंडितवाड़ी स्थित एक होटल में काम करता है। वह पत्नी के साथ पंडितवाड़ी में ही किराये के मकान में रहता है। मंगलवार रात उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। वह पत्नी को प्रेमनगर अस्पताल ले गया। लेकिन वहां मौजूद चिकित्सक ने यह कहकर महिला को दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया कि मामला क्रिटिकल है और अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट नहीं है। लिहाजा सीजेरियन अस्पताल में नहीं हो सकता है। महिला के पति ने एंबुलेंस मांगी, पर वह नहीं मिली। उन्होंने 108 एंबुलेंस के लिए भी कॉल किया। पर काफी देर इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में वह पत्नी को ऑटो में लेकर निकले। पंडितवाड़ी में वह लोग कुछ सामान लेने घर पर रुके। इसी दौरान महिला को तेज प्रसव पीड़ा हुई और उसने बाहर सड़क पर बच्चे को जन्म दे दिया। आरोप है कि एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने, कड़ाके की ठंड और उपचार न मिलने के कारण यह घटना हुई। हालांकि परिजनों ने मामले की कहीं भी शिकायत नहीं की है। प्रेमनगर अस्पताल के सीएमएस डॉ। यूएस कंडवाल का कहना है कि मामला क्रिटिकल था, लेकिन अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट उपलब्ध न होने के कारण महिला को रेफर किया गया। वहीं आपातकालीन सेवा 108 के स्टेट हेड मनीष टिंकू का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि संबंधित व्यक्ति द्वारा फोन किया गया है तो इसका रिकॉर्ड होगा। शिकायत आने पर इसकी जांच की जाएगी।

Posted By: Inextlive