टप्पेबाज ले रहे बच्चों का सहारा, कैमरा किया पार
हैदराबाद से ताज देखने आए पर्यटकों के साथ हुई घटना
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ बच्चा, पुलिस तलाश में जुटी आगरा। अगर आपके पास आकर कोई बच्चा कुछ कहे, तो अनायास ही आप उसपर भरोसा कर लेते हैं। ऐसे ही मासूमों को शातिर क्रिमिनल इस्तेमाल कर आपको चूना लगा सकते हैं। थाना ताजगंज में शातिरों ने बच्चे को भेज कर कार चालक को झांसा दिलवाया फिर कार में रखा कीमती कैमरा पार करवा दिया। मामले में पर्यटन पुलिस बच्चा गैंग की तलाश कर रही है। हैदराबाद से आया था परिवारहैदराबाद निवासी अनामिका खन्ना अपने परिवार के साथ ताज घूमने आई थी। बुधवार को परिवार फतेहाबाद रोड स्थित सीरोज हैंगआउट रेस्टोरेंट में था। उस दौरान चालक कार लेकर बाहर खड़ा हुआ था। दोपहर ढाई बजे एक करीब 10 साल का बच्चा चालक के पास आया और बोला कि बोनट से ऑयल टपक रहा है। ये सुनते ही चालक ने बोनट खोल कर चेक करना शुरु कर दिया।
कैमरा लेकर गायब हो गया बच्चाचालक ने बोनट बंद किया तो बच्चा गायब था। कार में पीछे वाली सीट पर रखा कैमरा भी गायब था। चालक को पता चला तो उसके होश उड़ गए। उसने तुरंत पर्यटकों को इसकी सूचना दी। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो देखा कि बच्चा पीछे वाले गेट से चुपचाप कैमरा उठा कर ले जा रहा है। चालक कार को चेक करने में बिजी है। पुलिस फुटेज के आधार पर बच्चे की तलाश कर रही है। कैमरे की कीमत 70 से 80 हजार रुपये बताई गई है।
सिटी में बच्चा गैंग हुआ सक्रिय पहले तो टप्पेबाज बाइक पर चलते हुए लोगों को झांसा देते थे कि बोनट से ऑयल टपक रहा है या फिर पहले से कार के पहिए में पंचर कर बताते थे कि टायर पंचर है। कार चालक जहां भी कार खड़ी कर अपनी कार चेक करता शातिर कार से सामान पार कर देते लेकिन अब लोग सतर्क हो गए तो इन लोगों ने बच्चों को भेजना शुरू कर दिया है। शादी पार्टियों में भी होती हैं घटनाबच्चा गैंग यहां तक ही सीमित नहीं है। शातिर चोर बच्चा गैंग को नए कपड़े पहना कर शादी, पार्टियों में भेज देते हैं। इसके बाद बच्चे भीड़ में शामिल होकर पर्स व गहने पार कर देते हैं। उन पर कोई शक नहीं करता और वह आसानी से निकल जाते है। भीड़ में गैंग की महिलाएं भी नए कपड़े पहन कर शामिल होती हैं जिससे बच्चा गैंग पर नजर रख सकें।
कोई नहीं करता शक
शातिरों ने बच्चों को गैंग में शामिल कर लिया है जिससे उन पर कोई शक न करे और न कोई पकड़ा जाए। शातिर बच्चों को भेज कर दूर से निगरानी करते रहते हैं। माल पार होने के बाद हिस्सा कर लेते हैं। बच्चे पर कोई आसानी से शक नहीं करता और पकड़े जाने पर कोई कड़ा एक्शन भी नहीं होता। शातिर इस बात का पूरा फायदा उठाते हैं।