पबजी में रॉयल पासेज और रैंकिंग के लिए बच्चे पेरेंट्स से करा रहे ऑनलाइन पेमेंट। पेरेंट्स का कहना है कि बच्चे उनकी कंट्रोल में नहीं रहे और उन्हें जिद पूरी करनी ही पड़ रही है...

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BAREILLY: पबजी का जादू बच्चों के सिर चढ़कर बोल रहा है. वहीं बड़े लोग भी इससे बचे नहीं हैं. हालत यह हो गई है कि बच्चे पबजी के चक्कर में अपना टाइम और पढ़ाई तो खराब कर ही रहे हैं. साथ ही अपनी हेल्थ भी खराब कर रहे हैं. अब तो हालात इतने बिगड़ गए हैं कि वह पेरेंट्स के रुपए उड़ाने में भी नहीं झिझक रहे हैं. गेम्स में अपनी रैंकिंग बढ़ाने और पासेज खरीदने के लिए पेरेंट्स से जिद कर ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि पेरेंट्स उनको समझाने की बजाए उनकी जिद को पूरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि बच्चे उनके कंट्रोल में नहीं हैं. अगर ऐसा है तो क्या पबजी बच्चों को कंट्रोल कर रहा है. यह सोचने वाली बात है.

केस 1
बरेली के रहने वाले राहुल (काल्पनिक नाम) की उम्र 12 साल है. वह डेली कई घंटों तक पबजी गेम खेलता है. उसने पबजी में रॉयल पासेज, एलीट पासेज, पबजी रैंकिंग, क्रेट गिफ्ट आदि खरीदने के लिए 15 हजार रुपए खर्च कर दिए. वहीं उसकी मां का कहना है कि बच्चों की जिद है तो पूरी तो करनी ही पड़ेगी.

केस 2
बरेली के रहने वाले कबीर (काल्पनिक नाम) की उम्र 10 साल है, लेकिन पबजी के आगे वह खाना खाना तक भूल जाता है. साथ ही इससे उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. वहीं कुछ दिन पहले पबजी खेलते हुए इसने अपनी रैंकिंग बढ़ाने के लिए पांच हजार रुपए खर्च कर दिए. पेरेंट्स बोले, बहुत मना किया. जब नहीं माना तो रुपए देने पड़े.

केस 3
बरेली के रहने वाले चिराग (काल्पनिक नाम) की उम्र 15 साल है. उसने क्रेट गिफ्ट्स पर 800 रुपए खर्च किए. वहीं, इस बार एग्जाम में उसके मा‌र्क्स भी काफी कम आए हैं. वहीं, पेरेंट्स का कहना है कि वह गेम खेलने से मना करते हैं पर नहीं मानते हैं. समझदार होगा तो गेम खेलना खुद ही बंद कर देगा.

पबजी के निगेटिव इफेक्ट्स

-सिरदर्द और माइग्रेन

-आई साइट वीक

-हेल्थ प्रॉब्लम

-कंसन्ट्रेशन की कमी

-एग्जाम में मा‌र्क्स कम

ऐसे करें बचाव

-बच्चों को कंट्रोल में रखें

-सही और गलत के बारे में बताएं

-पबजी खेलने से रोकें

-पैसे की इंपॉरटेंस बताएं

यह दे सकते हैं ट्रीटमेंट

-पेरेंट्स और बच्चों की काउंसलिंग

-जरूरत न हो तो बच्चों को स्मार्ट फोन न दें

-बच्चों का टाइम मैनेजमेंट करें

-बच्चों पर नजर रखें

वर्जन

पबजी की वजह से बच्चों का टाइम वेस्ट हो रहा है. उनकी एकेडमिक, पर्सनल और इंट्रा पर्सनल लाइफ खराब हो रही है. बच्चों के अंदर गुस्सा, इरीटेशन और शॉर्ट टेंपर आता जा रहा है. हार्ट प्राब्लम हो रही हैं.

डॉ. राकेश यदुवंशी, साइकिएट्रिस्ट

Posted By: Radhika Lala