तिब्बत में स्थित चीनी सेना ने अपनी रसद आपूर्ति अस्त्र-शस्त्रों की क्षमताओं और सैन्य-नागरिक सहयोग को आजमाने के लिए एक सैन्य अभ्यास किया। डोकलाम विवाद के बाद चीन ने पहली बार तिब्बत में ऐसा अभ्यास किया।

अगस्त में 13 घंटे तक चला था अभ्यास
बीजिंग (पीटीआई)।
तिब्बत में तैनात चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने मंगलवार को एक सैन्य अभ्यास किया। यह अभ्यास चीनी सेना ने अपनी रसद आपूर्ति, अस्त्र-शस्त्रों की क्षमताओं और सैन्य-नागरिक सहयोग को आजमाने के लिए किया। भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद तिब्बत में चीन द्वारा यह पहला सैन्य अभ्यास किया गया है। 'ग्लोबल टाइम्स' ने इस बात की जानकारी दी है। साथ ही उसने यह भी बताया है कि पिछले साल अगस्त में 4,600 मीटर की ऊंचाई पर 13 घंटे तक चीनी सेना ने अभ्यास किये थे।
सैनिकों तक हथियार पहुचाने के लिए अभ्यास
बता दें कि क्विंगहाई-तिब्बत पठार की जलवायु बेहद प्रतिकूल और भौगोलिक स्थिति काफी जटिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय से सैनिकों को इस जगह पर रसद और हथियार की आपूर्ति करने में बहुत मुश्किलें आती हैं। सिन्हुआ ने आपूर्ति विभाग के कमान प्रमुख झांग वेनलांग का हवाला देते हुए बताया कि सैनिकों को रसद और अस्त्र-शस्त्रों की आपूर्ति के लिए ही पीएलए ने सैन्य-नागरिक सहयोग की रणनीति को अपनाया है और लगातार अपनी रसद आपूर्ति क्षमताओं को उन्नत कर रही है।
1962 में हुई थी चीन को दिक्कत
सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बड़ी ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ाई के दौरान सबसे बड़ी चुनौती सैनिकों को रसद और हथियारों की आपूर्ति को लगातार बनाए रखने की होती है। 1962 में चीन-भारत सीमा युद्ध के दौरान चीन अपनी जीत को आगे बढ़ाने में असफल रहा था क्योंकि रसद आपूर्ति व्यवस्था उस वक्त बहुत खराब थी।

हमें चाहिए मजबूत रिश्ते, छोटे राजनीतिक फायदे के लिए नहीं खेलते चीन और भारत के साथ खेल : नेपाली प्रधानमंत्री

ट्रंप को चीन की धमकी, कहा ट्रेड वार पर अमेरिका ने बढ़ाया कदम तो चुन-चुनकर उनकी कंपनियों पर करेगा प्रहार

Posted By: Mukul Kumar