अगर आपने हॉलीवुड फिल्‍म मार्शियन देखी होगी तो आपको याद होगा कि बिना ऑक्‍सीजन और पानी वाले मंगल ग्रह पर एक वैज्ञानिक अपनी भूख मिटाने के लिए कैसे आलुओं की खेती करता है? खैर वो तो फिल्‍म थी लेकिन इस बार चाइना इस घटना को सच करने जा है। इसके लिए चाइना मंगल पर खेती करने का प्‍लान बना रहा है।

चीन का बायो रिसर्च प्रोजेक्ट पहुंचेगा चांद तक

खबर है कि चीन इसी साल यानि 2018 में अपने पहले जैविक अनुसंधान मिशन के तहत चांग ई-4 लूनर यान के को चांद पर भेजेगा। इसके जरिए चीन वहां आलू, कुछ फूलों के बीज और रेशम कीट के अंडाणुओं को भेजने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस रिसर्च का उद्देश्य है चांद के वातावरण में नयी संभावनाओं को तलाशना। आलू और अरबीडोफिसिस फूल के बीजों और रेशम के कीटों के अंडाणुओं के साथ इसकी शुरूआत हो रही है।

 

चांद पर फसल उगाने से जुड़ा यह है दुनिया का पहला मिशन

चीन के इस लूनर प्रोजेक्ट के अंतर्गत उस डिब्बे में पानी, पौधों के लिए जरूरी पोषक पदार्थ, हवा, एक छोटा सा कैमरा और डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम भी भेजा जाएगा। इस स्पेस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों का मानना है कि ये बीज चांद पर विकसित हो सकेंगे। इन चीजों को उगाने के लिए चीन चांद के अंधेरे हिस्से का इस्तेमाल करेगा। उनकी योजना इस पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद कर धरती पर भेजने की भी है। बता दें कि स्पेस में फसल उगाने के नाम पर इससे पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानि ISS पर पौधे उगाने का काम पहले भी हो चुका है, लेकिन चांद फसल उगाने के नाम पर यह चाइना ही नही बल्कि दुनिया का पहला प्रयास होगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra