- 100 करोड़ से ज्यादा का है कारोबार

- 30 करोड़ का है इलेक्टॉनिक्स मार्केट

- 40 करोड़ के मोबाइल बिकते हैं हर वर्ष

- 01 करोड़ से ज्यादा का करोबार होली में होने की उम्मीद

- 01 करोड़ के खिलौने बिकते हैं

- 10 करोड़ के पटाखे हर साल फूंके जाते हैं

2016 में भी दिखा था असर

उरी हमले के बाद पाकिस्तान के समर्थन में चीन के आने से सोशल मीडिया में चीनी सामान के खिलाफ जोर-शोर से चलाए गए अभियान का असर बरेली के बाजार में देखने को मिला था.

- दीपावली पर देसी मिट्टी के दीयों और दूसरे सामानों की खरीद करीब 45 फीसदी का इजाफा नजर आया.

- नवरात्र से दिवाली तक चाइनीज बल्ब, झालर, झूमर और पटाखे का कारोबार घटकर 50 परसेंट तक आ गया था.

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- आतंकी मसहूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन के अड़ंगे से शहर के व्यापारी नाराज

- कहा, चीन आतंकियों का साथ देगा तो बरेली के व्यापारी उसके साथ कारोबार नहीं करेंगे

बरेली. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन के अड़ंगा डालना कहीं उसको भारी न पड़ जाए. बरेली के व्यापारियों चीन के इस कदम को लेकर भारी गुस्सा है. व्यापारियों का कहना है कि चीन आतंकियों का साथ देगा तो बरेली के व्यापारी उसके साथ कारोबार नहीं करेंगे. इसे लेकर बरेली इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स एंड मर्चेट वेलफेयर एसोसिएशन (बैकमा) के प्रदेश अध्यक्ष संजीव चांदना बैठक कर सभी व्यापारियों को इस फैसले से अवगत कराएंगे.

माफ करने वाली हरकत नहीं

संजीव चांदना कहना है कि चीन ने जो हरकत की है वो माफ करने लायक नहीं है. अभी शहर के व्यापारी चाइना का माल लाकर बेचा करते थे, लेकिन अब वह चाइना का माल नहीं बेचेंगे. इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स और मोबाइल मार्केट में चाइना के माल को बैन करेंगे.

होगा घाटा, मिलेगा सबक

व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि बरेली में इलेक्ट्रॉनिक्स का काफी बड़ा मार्केट है. हर महीने बरेली में करोड़ो रुपए के चायनीज सीएफएल, झालरें, बल्ब, फैन, प्रेस आदि सामान बिकते हैं. सभी व्यापारी चाइना के माल का बहिष्कार करेंगे तो चाइना को बड़ा घाटा होगा और उसे एक सबक मिलेगा.

बरेली में चीनी सामान का बड़ा मार्केट

बाकमा के मुताबिक बरेली में चीनी मोबाइल का भी बहुत बड़ा मार्केट चाइना के मोबाइल का मार्केट है. एसोसिएशन का कहना है कि चाइनीज मोबाइल की एसेसिरीज की भी मांग है. यदि मोबाइल का कोई पार्ट खराब हो जाता है तो चाइना के ही पा‌र्ट्स डाले जाते हैं. वहीं इलेक्ट्रिकल्स मार्केट में भी करीब 20 करोड़ का चाइनीज माल हर महीने बेचा जाता है.

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जो भी हमारी एसोसिएशन का फैसला होगा, वो हमारे लिए ठीक होगा. हम वो काम बिल्कुल नहीं करेंगे जिससे हमारे देश के खिलाफ हो या नुकसान पहुंचाने वाला हो.

जितेंद्र, दुकानदार

हम दुकानदार सिर्फ इतना जानते है कि जब हम ही चायना का माल नहीं रखेंगे तो कस्टमर खरीदेगा कैसे, यदि इसके बाबजूद भी कस्टमर चायना का माल खरीदना चाहता है तो कहीं बाहर से खरीदे

देवेंद्र सिंह, दुकानदार

Posted By: Radhika Lala