-गोरखपुर यूनिवर्सिटी में तेज हुई सीबीसीएस लागू करने की कवायद

-यूनिफॉर्म क्रेडिट करने के लिए बनाई डींस की कमेटी

-15 दिनों में सब्मिट करनी है रिपोर्ट

-इसी साल लागू किया जाना है च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने की कवायद अब रफ्तार पकड़ने लगी है. स्टूडेंट्स को उनके पसंदीदा सब्जेक्ट्स पढ़ने की आजादी देने के लिए पिछले साल से चल रही कोशिश अब आगे बढ़ी है. यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने इसके लिए डीन आ‌र्ट्स की अगुवाई में डींस की एक कमेटी बनाई है, जो सिलेबस को कॉमन करने के साथ ही इससे जुड़े अध्यादेश तैयार करेगी. इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों में सौंप देनी है, जिसके बाद आगे की फॉर्मेल्टीज पूरी की जाएगी. यूनिवर्सिटी के इस कदम से नेक्स्ट सेशन से सीबीसीएस लागू होने की उम्मीद बढ़ गई है. स्टूडेंट्स अपने च्वॉयस का सब्जेक्ट चुनकर बेहतर मा‌र्क्स स्कोर कर सकेंगे और अपना रिजल्ट बेहतर कर सकेंगे.

मई 2018 में हुई थी बैठक

24 मई 2018 को यूनिवर्सिटी में विद्या परिषद की बैठक ऑर्गनाइज की गई थी. इसमें आर्ट फैकेल्टी के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स की ओर से च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए तैयार किए गए सिलेबस को कमेटी के सामने पेश किया गया. मगर इसमें यूनिफॉर्मिटी की कमी पाई गई, जिसकी वजह से इसे यूनिफॉर्म करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया है, जो सभी विभागों में एक सा स्ट्रक्चर करेगी. वीसी ने सभी जिम्मेदारों से यह भी कहा था कि सीबीएससी सिस्टम को लागू करने में सभी विभाग अपना सहयोग करें और इस दिशा में तेजी से काम करें, जिससे स्टूडेंट्स को जल्द से जल्द इसका फायदा मिल सके, लेकिन न यह कमेटी फॉर्म हुई और न ही इसकी कवायद आगे बढ़ सकी. सभी अपना सिलेबस और कोर्स ही कंप्लीट करने की जद्दोजहद में जुटे रहे.

सीबीसीएस से होगा काफी फायदा

इस सिस्टम से स्टूडेंट्स को अपने ओरिजनल सब्जेक्ट के साथ ही पसंदीदा सब्जेक्ट को चुनने का भी मौका मिलेगा. उसे अपने कोर्स के विषय में तो निर्धारित क्रेडिट हासिल करना ही होगा, साथ ही वह अन्य विषयों में भी अपने इंटरेस्ट के मुताबिक क्रेडिट हासिल कर साल के क्रेडिट पूरे करने होंगे. इसमें आ‌र्ट्स के स्टूडेंट्स को साइंस और साइंस के स्टूडेंट्स को आ‌र्ट्स में जाकर क्रेडिट कंप्लीट करने का मौका भी मिलेगा.

सेमिनार के लिए भी मिलेंगे क्रेडिट

इससे स्टूडेंट्स को अपनी केपेबिल्टी बढ़ाने का मौका मिलेगा. सेमिनार और प्रैक्टिकल्स के लिए भी क्रेडिट तय किए जा सकेंगे, जिससे सेमेस्टर खत्म होने पर स्टूडेंट्स को ग्रेड मिलेगा. साल के आखिर में क्यूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) दिया जाएगा, जोकि कोर्स पूरा होने के बाद छात्र को मिलने वाले ग्रेड के बेसिस पर होगा. यूजीसी ने 10 प्वाइंट्स वाले ग्रेडिंग सिस्टम की गाइडलाइन जारी की है.

वर्जन

सीबीसीएस के लिए डीन आ‌र्ट्स के संयोजन में एक कमेटी बनाई गई है. इसे 15 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

- सुरेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार, गोरखपुर यूनिवर्सिटी

Posted By: Syed Saim Rauf