PRAYAGRAJ: प्रयागराज की इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है लेकिन उनके सामने ऐसी-ऐसी चुनौतियां है जिसका दुष्प्रभाव वर्षो से शहरी हो या ग्रामीण पब्लिक पर पड़ता ही रहा है. जहां शहर दक्षिणी से लेकर कोरांव विधानसभा तक की पब्लिक को इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनी गई डॉ. रीता बहुगुणा जोशी से ग्रामीण इलाकों में खासतौर से मेजा व पहाड़ी एरिया तक किसानी के लिए पानी के संसाधनों को देना होगा. वहीं फूलपुर सीट से विजयी केशरी देवी पटेल के सामने अपने संसदीय क्षेत्र में युवाओं को रोजगार दिलाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर आकांक्षाओं पर खरा उतरने का दारोमदार होगा.

इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की चुनौतियां

-इलाहाबाद संसदीय सीट के अन्तर्गत सबसे बड़ी समस्या मेजा, कोरांव व शंकरगढ़ जैसे पठारी इलाकों में नहरों और ट्यूबवेल का जाल बिछाना होगा.

-नहरें और ट्यूबवेल न होने की वजह से इन इलाकों के किसान अपनी फसलें भगवान के भरोसे छोड़ देते हैं.

-इस क्षेत्र में टीईएल, टीएसएल और स्वदेशी कॉटन मिल जैसी फैक्ट्रियां मृत अवस्था में पहुंच चुकी हैं.

-डॉ. जोशी के सामने इनके संजीवनी देने के साथ ही रोजगार का अवसर देने के लिए अपने पिता की विरासत की सोच को आगे बढ़ाने के साथ नई-नई फैक्ट्रियों को लगाने की जिम्मेदारी होगी.

फूलपुर संसदीय सीट की चुनौतियां

-इस संसदीय क्षेत्र में रोजगार का अवसर पैदा करने के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित करना होगा.

-इसकी बड़ी वजह है कि शहर उत्तरी, फूलपुर और सोरांव विधानसभा के अधिकतर ग्रामीणों के परिजन रोजगार के लिए बाहरी प्रांतों में पलायन कर चुके हैं.

-तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एमएनएनआईटी की तर्ज पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दूसरे संस्थान की स्थापना करना होगा.

-इलाहाबाद विश्वविद्यालय को उसका पुराना गौरव वापस लौटाने की दिशा में कार्य करना होगा. पर्यटन को और अधिक विकसित करने के लिए संगम नोज को वर्षपर्यत विकसित करने का भी कार्य करना होगा.

वर्जन

यह बहुत ही महत्वपूर्ण जीत है. हमें उम्मीद है कि इलाहाबाद हो या फूलपुर संसदीय सीट दोनों के क्षेत्रों में बंद पड़ी फैक्ट्रियों को फिर शुरू कराना होगा. पानी और रोजगार के अवसर यही पर देने के लिए अतिरिक्त प्रयास भी करना होगा.

राघवेन्द्र नाथ मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा

Posted By: Vijay Pandey