RANCHI:खरसीदाग ओपी क्षेत्र के गड़खटंगा में भुईहरी पहनई जमीन पर बना चर्च अब सरना भवन हो गया है। शनिवार को सरना धर्मावलंबियों ने एकजुट होकर चर्च के प्रतीक चिन्ह क्रूस को हटा दिया और वहां पर सरना झंडा लगा दिया। वहीं, चर्च भवन के सामने सरना भवन भी लिख दिया। गौरतलब हो कि मामले में एसडीओ कोर्ट से फैसला आने के बाद लोगों ने रांची उपायुक्त को पत्र लिखा था जिसमें चर्च को खाली कराने का आग्रह किया गया था। लेकिन जब प्रशासन का सहयोग नहीं मिला तो शनिवार को लोगों ने बैठक की और चर्च को सरना भवन बना डाला।

एकजुट हुआ सरना समाज

बैठक में केंद्रीय सरना समिति, सरना विकास समिति धुर्वा, सरना विकास समिति झारखंड, सरना धर्म प्रार्थना सभा नया लटमा व व गड़खटंगा के सरना समाज के लोग उपस्थित थे। अध्यक्षता गड़खटंगा गांव के पाहन आंचु मुंडा तथा संचालन सुशांति देवी ने की। मौके पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के सह सचिव बूटन महली, उप सचिव बिरसा भगत, लोरेया उरांव, रोपनी मिंज, सोमानी पहनाईन आदि मौजूद थीं।

2014 में बना था चर्च, तब से था विवाद

खरसीदाग ओपी क्षेत्र के गड़खटंगा में पहनई जमीन पर वर्ष 2014 में चर्च बना था। इसके बाद से ही वहां ग्रामीणों से विवाद चल रहा था। एसडीओ सदर रांची ने जांच में पाया कि यह सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन है। इसके बाद ही सरना समाज के पक्ष में फैसला दिया।

क्या कहती हैं सरना समितियां

पहनई जमीन, आदिवासियों की जमीन पर चर्च आदि का निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी जमीन पर बने चर्च व अन्य दूसरे धर्म से संबंधित स्थलों को कोर्ट के जरिए खाली करवाया जाएगा। सरना धर्म के दुष्प्रचार व धर्मातरण के कार्यो को बंद करवाया जाएगा।

मेघा उरांव, अध्यक्ष, सरना विकास समिति धुर्वा

अब आदिवासी युवा जग गए हैं। अपने अधिकार के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं।

सोमा उरांव, प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय युवा सरना विकास समिति

ईसाई मिशनरी आदिवासियों की जमीन हड़प कर चर्च-अस्पताल स्कूल, अनाथ आश्रम आदि का निर्माण कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।

संदीप उरांव, संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच

Posted By: Inextlive