-साधना सदन के पादरी फांसी पर लटके मिले

-डेंगू से ग्रसित होने के बाद पादरी पड़ गए थे बिस्तर पर

ALLAHABAD: बीमारी से परेशान एक पादरी ने फांसी लगाकर जान दे दी। शुक्रवार की सुबह उनकी बॉडी साधना सदन स्थित रूम में फांसी पर लटकी मिली। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। सिविल लाइंस पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अचानक हुई इस घटना से क्रिश्चियन समाज के लोग स्तब्ध रह गए।

प्रतापगढ़ के रहने वाले

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक एग्नेसियस कुजुर (फ्8) प्रतापगढ़ के रहने वाले थे। पाथरस, सुषमा, जान, हेल्दीयाज और सोनिया भाई बहन हैं। कुछ साल पहले प्रतापगढ़ से इलाहाबाद एग्नेसियस सेटल हो गए। सिविल लाइंस सेंट जोसेफ स्कूल के सामने स्थित साधना सदन में वह बतौर पादरी काम काज देखने लगे।

तीन साल से जूझ रहे थे बीमारी से

करीब तीन साल पहले पादरी को डेंगू नामक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। इससे वह कभी उभर नहीं आए। बीमारी के कारण लगातार उनकी प्राब्लम बढ़ती गई। कई बार वह हॉस्पिटल में एडमिट हुए। धीरे धीरे बीमारी बढ़ती जा रही थी। उनके गले में प्राब्लम आ गया जिसके बाद नली लगानी पड़ी। यही नहीं बीमारी के कारण पैर सड़ने की स्थिति में आ गई। डॉक्टर ने उसे आपरेट करके काट दिया था। लगातार बीमारी से जूझ रहे पादरी अब अवसाद से ग्रस्त हो गए।

सुबह मिली बॉडी

शुक्रवार की सुबह साधना सदन के दया निकेतन रूप नंबर एक में आठ बजे एक कर्मचारी ने पादरी को लंच देने के लिए पहुंचा। दरवाजा नॉक किया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। खिड़की से देखा तो उनके होश उड़ गए। पादरी फांसी पर लटके थे। इस घटना की जानकारी से वहां हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर महेश पाण्डेय अपनी टीम के साथ पहुंच गए। जांच के बाद बॉडी को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

क्यों उठाया फादर ने यह कदम

-तीन साल पहले आए थे डेंगू की चपेट में

-लगातार इलाज के बाद भी नहीं हो रहा था हालत में सुधार

-उनके गले में प्राब्लम के चलते नली लगानी पड़ गई

-बीमारी के कारण पैर सड़ने की स्थिति में आ गया

-डॉक्टर्स ने फादर की जिंदगी के लिए पैर काटकर कर दिया था अलग

-इसके बाद भी हालत न सुधरने पर अवसादग्रस्त हो गए थे फादर

Posted By: Inextlive