-सोमवार की पूरी रात बीएचयू में चलता रहा स्टूडेंट्स का बवाल

-हॉस्टल खाली करने की नोटिस पर मंगलवार को छात्रों ने दिया जगह-जगह धरना

रातभर हिंसा की आग में जलता रहे बीएचयू में हालात काबू करने के लिए बनारस की फोर्स नाकाफी रही। चंदौली से अतिरिक्त फोर्स के साथ बनारस के कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ आला अधिकारी कैम्पस में दाखिल हुए। बवाल पर उतारू छात्रों को समझाकर और जरूरत होने पर लाठी पटकर मुश्किल से उन्हें काबू कर सके।

जगह-जगह बैठे धरने पर

फिर बवाल की संभावना को देखते हुए जिले के आला अधिकारी व बीएचयू प्रशासन की मंगलवार की सुबह कई चक्र वार्ता हुई। कमिश्नर, आईजी और डीएम-एसएसपी ने पीएसी संग रूइया, बिरला, एलबीएस और धनवंतरी हॉस्टल तक फ्लैग मार्च किया। इसके बाद रजिस्ट्रार व चीफ प्रॉक्टर से वार्ता के बाद सात हॉस्टल खाली कराने पर सहमति बनी। छात्रों को बुधवार दोपहर तक हॉस्टल खाली कराने का अल्टीमेटम दे दिया गया। इधर, हॉस्टल खाली होने की सूचना मिलते ही बिरला सहित अन्य हॉस्टल के छात्र बीएचयू प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए। जगह-जगह चौराहे पर इकट्ठा होकर विरोध दर्ज कराया।

रातभर किया बवाल

बीएचयू छात्रों और रेजिडेंट्स के बीच हुए मारपीट के बाद सोमवार की रात बीएचयू हिंसा में इस कदर जला की बुझाने की हिम्मत कोई नहीं जुटा सका। छात्रों की ओर से रात से शुरू अगजनी, पथराव मंगलवार की भोर तक जारी रहा। रुइया हॉस्टल की चहारदीवारी तोड़ दी गई। हालात इतने बिगड़ गए कि बीएचयू फोर्स सहित पुलिस फोर्स भी आक्रोशित छात्रों के आगे नतमस्तक दिखाई दी। बीए सेकेंड ईयर के दो छात्रों को धनवंतरी हॉस्टल में बंधक बनाकर पीटा गया। उनकी बाइक फूंक दी गई। सुरक्षाकर्मियों का पिकेट और जिप्सी भी आग की भेंट चढ़ीं। मेडिकल छात्रों की पिटाई से बुरी तरह घायल दोनों छात्रों को एसीएम तृतीय, सीओ भेलूपुर और लंका इंस्पेक्टर ने धनवंतरी हास्टल से किसी तरह छुड़ाकर ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया। उसके बाद बनारस सहित आसपास जिलों से बुलाई गई कई थानों की फोर्स और दो प्लाटून पीएसी ने बीएचयू में फ्लैग मार्च किया। हालात का जायजा लेने सुबह पहुंचे कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आईजी विजय सिंह मीणा, डीएम सुरेंद्र सिंह व एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बीएचयू प्रशासन से घटना क्रम पर कई चक्र वार्ता भी की। छात्रों और रेजिडेंट डाक्टरों ने एक दूसरे पर लंका थाना में एफआईआर दर्ज कराया है।

Posted By: Inextlive