-व्यापारी सेफ्टी सेल के बारे में नहीं जानते शहर के बिजनेसमैन

-सेल में अभी तक एक भी व्यापारी की दर्ज नहीं हुई शिकायत

VARANASI

व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार तो गंभीर है, लेकिन व्यापारी सेफ्टी सेल की वर्किंग से लगता है कि इन्हें व्यापारियों की सुरक्षा का परवाह नहीं है। प्रचार-प्रसार की कमी की वजह से व्यापारियों को इस सेल के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। तभी तो अभी तक इस सेल में एक भी लिखित शिकायत नहीं आयी है।

एक भी शिकायत नहीं आई

एसएसपी ऑफिस के बगल में एक कमरा है, जिसमें जनसुनवाई के साथ व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ में आने वाली शिकायत का निस्तारण होता है। इसके अंदर या बाहर कहीं भी नहीं लिखा है कि यहां व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ है। कम्प्यूटर पर बैठे पुलिसकर्मी आशीष पांडेय कहते हैं कि मीटिंग में व्यापारी मौखिक शिकायत करते हैं। अभी तक एक भी व्यापारियों ने लिखित शिकायत नहीं की है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि व्यापारियों की शिकायत को तत्काल दूर किया जाता है।

महज औपचारिकता

वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया था। हर जिले में एडिशनल एसपी या सीनियर ऑफिसर को इसका नोडल अफसर नामित किया गया। व्यापारियों की समस्या और सुरक्षा की दिशा में आवश्यक कार्रवाई के लिए नोडल अफसरों को जवाबदेह बनाया गया। शासन स्तर से भी नोडल अफसरों का मोबाइल नम्बर भी जारी किया गया। ताकि किसी समस्या के सामने आने पर व्यापारी सीधे उनसे बातचीत कर सकें। लेकिन प्रकोष्ठ का गठन ही औपचारिकता बनकर रह गया है।

यह होनी चाहिए व्यवस्था

-व्यापारियों की सुरक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए फोरम होगा।

-इसके नोडल अफसर जिले के एडिशनल एसपी, सीनियर सीओ होंगे।

-हर माह एसपी की तरफ से व्यापारियों की बैठक बुलाकर समस्या सुनी जाएगी।

-व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ में थानों से व्यापारियों से संबंधित शिकायतों का ब्योरा तैयार किया जाएगा।

-गोष्ठी में संबंधित मुकदमों, शिकायतों और सुझावों पर कार्रवाई करते हुए प्रगति की समीक्षा होगी।

वीआईपी मूवमेंट होने के कारण व्यापारियों के साथ मीटिंग नहीं हो पाती है। हालांकि हर पंद्रह दिन पर थाना दिवस के दिन व्यापारियों के साथ थाना प्रभारी बैठक करते हैं। एसओ से लगातार व्यापारियों को लेकर चर्चा होती है। अगर कोई शिकायत आती है तो उसे गंभीरता से लिया जाता है।

ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद, नोडल अधिकारी एवं एसपी क्राइम

यह सेल सिर्फ कागजों में चलता है। व्यापारियों के साथ न तो कभी बैठक होती है, न ही बुलाया गया है। सरकार की मंशा सही है। वह व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।

आके चौधरी, व्यापारी नेता

हमें तो कोई जानकारी नहीं है कि जिले में व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ भी है। व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और शासन गंभीर नहीं है। व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन में भी सिर्फ खानापूर्ति की गई है।

प्रतीक गुप्ता, व्यापारी नेता

प्रकोष्ठ के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। व्यापारियों के प्रति सरकार का रवैया ढुलमुल है। यही वजह है कि हम लोगों की समस्याओं को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है।

अजीत बग्गा, व्यापारी नेता

Posted By: Inextlive