- 180 किमी का सफर तय करने का किया गया था दावा

- 80 से 90 किमी का सफर ही कर पा रही हैं तय

- 5 बसों का ही वर्तमान में हो रहा संचालन

- 40 बसों को होना हैं संचालन

- सौ प्रतिशत चार्जिग होने के बावजूद 180 किमी नहीं दौड़ रहीं इलेक्ट्रिक सिटी बसें

- इलेक्ट्रिक बस आपूर्ति करने वाली कंपनी और सिटी बस प्रबंधन के बीच हुई बैठक

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: राजधानी को पॉल्यूशन से आजादी दिलाने और पैसेंजर्स का सफर सुहावना बनाने को सड़कों पर उतारी गई इलेक्ट्रिक बसें तीन माह में ही बीच राह सांसें तोड़ने लगी हैं. यही वजह है कि यह बसें पैसेंजर्स के लिए राहत की जगह आफत बन गई हैं. सिटी बस प्रबंधन के अनुसार इस कमी को दूर करने के लिए कंपनियों से बात की जा रही है. इसके लिए शुक्रवार को बैठक भी बुलाई गई. वहीं बीच सड़क खड़ी हो रही इन बसों की वजह भी तलाशी जा रही है.

80 किमी का ही तय कर रहीं सफर

बैठक में अधिकारियों ने इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने वाली कंपनी को इनके संचालन में आ रही समस्या से रूबरू कराया. इस दौरान दरवाजे, कूलिंग के साथ ही बस के बीच रास्ते में खड़े होने का मुद्दा भी उठाया गया. कंपनी को बताया गया कि उनका दावा था कि एक बार चार्जिग पर बस के 180 किमी सफर तय करेगी जबकि यह बसें 80 से 90 किमी का सफर ही कर रही हैं. ऐसे में कई बार पैसेंजर्स को अन्य बसों में शिफ्ट कर आगे भेजना पड़ता है.

40 बसों का होना है संचालन

वर्तमान में 10 इलेक्ट्रिक बसों में से 5 बसों का ही संचालन हो रहा है. दुबग्गा से गोमतीनगर तक चलने वाली 5 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन दुबग्गा डिपो में निर्माण के चलते बंद कर दिया गया है. आलमबाग से गोमतीनगर जनेश्वर मिश्र पार्क तक 5 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. सिटी बस प्रबंधन को नगरीय परिवहन निदेशालय कुल 40 बसें संचालन के लिए दी हैं.

ठीक तरह से नहीं हुई चार्जिग

बसों के बीच रास्ते में खड़ी हो जाने के मामले में कंपनी के अधिकारियों की दलील थी कि इनकी चार्जिग ठीक तरह से नहीं की गई. इसी वजह से ऐसा हुआ. वहीं बसों में आ रही समस्याओं को देखते हुए सिटी बस प्रबंधन ने इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने वाली कंपनी के सामने एनुअल मेंटीनेंस के लिए कांट्रेक्टर करने का प्रस्ताव रखा, जिससे इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रभावित ना हो. फिलहाल कंपनी ने इस पर अभी अपनी सहमति नहीं दी है.

कोट

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में आ रही दिक्कतों को दूर किए जाने के प्रयास चल रहे हैं. बीच रास्ते में बसों के बंद होने का कारण पता किया जा रहा है. जल्द ही इन बसों के संचालन में आ रही कमी की रिपोर्ट कंपनी को दी जाएगी.

आरिफ सकलेन

एमडी, सिटी बस प्रबंधन

तीन माह बाद भी पटरी पर नहीं आ सका संचालन

राजधानी में मार्च माह से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हुआ था, लेकिन अब तक इन बसों का संचालन सामान्य नहीं हो सका. एक तरफ जहां पैसेंजर्स ने इनसे दूरी बना रखी है वहीं बसों में आ रही दिक्कतों के चलते सिटी बस प्रबंधन भी इनसे परेशान है.

Posted By: Kushal Mishra