-शहर में आवारा पशु छुड़ा रहे नगर निगम का पसीना

-पांच माह बीत जाने के बाद भी सांड़ नहीं हुए गिरफ्तार

-शिकंजा सकने में नाकाम कैचिंग दस्ता

GORAKHPUR: शहर की सड़कों से सांड़ और आवारा जानवरों को बाहर करने के लिए तमाम दावे किए गए, लेकिन अभी तक हालात नहीं बदले। आज भी रोड पर खुलेआम आवार पशु घूम रहे हैं। वहीं, शहरवासियों में सांड़ों को गिरफ्तार करने की चर्चा जोरो पर है। बात-बात पर तंज कस रहे हैं। दरअसल मामला यह है कि मेयर ने चुनावी भाषण में सांड़ों को गिरफ्तार करने का बयान दिया था।

सड़क पर घूम रहे आवारा जानवर लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। नगर निगम की भारी भरकम कैटिल कैचिंग दस्ता भी इन पर लगाम नहीं लगा पा रही है और न आवारा जानवरों को पकड़ा जा रहा है। वहीं, जुर्माना भरने के बावजूद पशुपालकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। वे पशुओं को खुला छोड़ देते हैं।

कम है जुर्माना

आवारा पशुओं के कारण हादसे हो रहे हैं, लेकिन निगम के अफसर चेत नहीं रहे हैं। आलम यह है कि एक और कैटिल कैचिंग दस्ता साड़ व पशुओं को पकड़ता है तो दूसरी ओर पशुपालक जुर्माना भरकर छुड़ा लेते हैं। जुर्माने की राशि कम होने के कारण पशुपालकों पर इसका असर नहीं पड़ रहा है। वे पशुओं को फिर खुला छोड़ देते हैं। कई बार अपने मालिकों की अनदेखी और भूख से परेशान पशु सड़क पर निकल आते हैं।

इन एरियाज में घूम रहे सांड़

गोलघर, विजय चौक, अग्रसेन चौराहा, टाउन हाल, घंटाघर, गोलघर गणेश चौराहा, काली मंदिर, रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक, बक्शीपुर, बेतियाहाता, अंबेडकर चौराहा, छात्रसंघ चौराहा, पैडलेगंज, रुस्तमपुर चौराहा, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, इंजीनियरिंग कॉलेज, असुरन चौक, खजांची चौराहा, मेडिकल रोड, पादरी बाजार, गोरखनाथ, राजेंद्र नगर, खूनीपुर, निजामपुर, टीपी नगर, आजाद चौक आदि चौराहे पर सांड़ और आवारा जानवर बेखौफ घूम रहे हैं।

कान्हा उपवन के लिए मिली चार करोड़ पहली किश्त

महेवा मंडी स्थित नगर निगम की जमीन पर आठ करोड़ की लागत से बनने वाला कान्हा उपवन निर्माण के लिए नगर निगम को पहली किश्त चार करोड़ रुपए मिल गई है। इसके निर्माण का कार्य जल निगम की सीएनडीएस कार्यदायी संस्था को मिला है। पहली किश्त मिलने के बाद अप्रैल से कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

कोट

सिटी में सांड़ व आवारा जानवरों का खतरा रहता है। जिस कारण दुर्घटनाएं होती रहती है। बच्चे सड़क पर अकेले निकलने से डरते हैं।

मनोज कुमार, प्रोफेशनल

शहर की सड़कों पर निकलने से डर लगता है। सांड़ व आवारा पशुओं के कारण सड़क पर चलना दूभर हो गया है। इससे पब्लिक भी परेशान है। नगर निगम ने शहर को आवारा पशुओं से मुक्त कराने के लिए तमाम वादे किए गए। सिर्फ इतना ही नहीं सांड़ को गिरफ्तार कराने की बात की गइ है।

नवीन कुमार, प्रोफेशनल

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सिर्फ कागजों पर रह गए आंकड़े

-शहर में सांड़ व आवारा पशुओं की संख्या लगभग- 5000

-शहर में डेयरियों की संख्या लगभग--500

-अभियान के तहत छह माह में पकड़े गए छुट्टा पशु-- 900

-शहर से दूर छोड़ गए पशु---800

- फर्टिलाइजर के काची हाउस में रखे गए पशु--34

-पशुपालकों से वसूला गया जुर्माना--47 हजार रुपए

-दूध दूहने के बाद सड़क पर छोड़ने वाले पशुओं की संख्या--41

-नगर निगम ने पशुपालकों को दी नोटिस----62

Posted By: Inextlive