रांची: सिटी के लोग ट्रैफिक जाम की समस्या से त्रस्त हो गए हैं। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं है जिस पर अपनी गाड़ी से आसानी से सफर किया जा सके। 3 किलोमीटर का फासला तय करने में घंटों समय लग जा रहा है। लोग इसलिए भी गुस्से में हैं कि नगर विकास विभाग हो या ट्रैफिक पुलिस सभी के हर दिन नये प्लान बनाते हैं लेकिन उसे जमीन पर नहीं उतारा जाता है। इस कारण भी शहर में ट्रैफिक जाम का झाम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और पब्लिक इसमें पिस रही है।

कभी कट बंद तो कभी खुले

नगर विकास विभाग के द्वारा कभी सड़क के सारे कट बंद करने का आदेश जारी कर दिया जाता है। जिसके बाद लोगों को कई किलोमीटर तक घुमकर जाना पड़ता है। फिर अचानक क ट्स खोल दिए जाते हैं। वैसे ही सीसीटीवी का झांसा भी रांची की जनता को कई बार दिया गया कि ट्रैफिक जाम होने पर सीसीटीवी की सहायता से पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचेगी और जाम से निजात मिल जाएगी। लेकिन यह उपाय भी कारगर नहीं हो सका है। और सड़कों पर डेली जाम लगने से पब्लिक को रेंगते हुए सफर तय करना पड़ रहा है।

हेलमेट की जांच, गले की फांस

हर चौक चौराहे पर हेलमेट की चेकिंग चल रही है जिसके कारण लंबे लंबा जाम लग रहा है। हालांकि, इस हेलमेट जांच के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास अतिरिक्त फोर्स नहीं है जिसके कारण जो जवान ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे रहते हैं उनसे ही जांच का काम भी कराया जा रहा है। इसका रिजल्ट यह हो रहा है कि एक पोस्ट पर तैनात चार-पांच जवान वाहनों की जांच में लग जा रहे हैं या धरपकड़ में। इससे सड़क पर पर वाहनों की लंबी कतार लग जा रही है।

करोड़ों खर्च तो भी सिग्नल बेकार

शहर भर में ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये फूंके। लेकिन इसके बावजूद सारे के सारे सिग्नल लाइट खराब पड़े हैं। लाइट्स ऑन भी रहते हैं तो बिना ट्रैफिक पुलिस की सहायता के ट्रैफिक कंट्रोल करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में पोस्ट पर खड़े जवानों के हाथ से ही पूरी ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल की जा रही है। यह जानकारी वरीय अधिकारियों को भी है लेकिन उसके बावजूद इन्हें वाहनों की जांच में लगा दिया जा रहा है जिसके कारण सड़कों पर जाम लगना आम हो चला है।

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बाक्स

लोगों की समस्या से न तो नगर विकास विभाग को मतलब है न ही यातायात पुलिस को। सबलोग बस कोरम पूरा करने के प्रयास में लगे रहते हैं। पिछले दो-तीन सालों से अधिकतर रोड पर जाम लग रहा है और घंटों तक गाडि़यां फंसी रहती हैं लेकिन समाधान नहीं निकल पाया।

अजय सिंह

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ट्रैफिक सुचारु करने के सारे प्लान फेल हो चुके हैं। हर दिन नए नए प्रयोग किए जाते हैं लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगती। लोगों को काफी परेशानी हो रही है और प्रशासन कान में तेल डालकर सो रहा है।

गुड्डू कुमार

Posted By: Inextlive