- कल पीएम रखेंगे ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरीडोर की आधारशिला

- होगा यूनिक मॉडल, बनायी जाएगी लाइब्रेरी, आश्रय स्थल

VARANASI

काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का मॉडल यूनिक है। किसी भी धार्मिक स्थल की कॉपी नहीं है। काशी की पौराणिकता को ध्यान में रखकर इसका डीपीआर तैयार किया गया है। बाबा दरबार से गंगधार तक 39 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाला कॉरीडोर ज्ञान और आध्यात्म का अद्भुत संगम होगा। आठ मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की आधारशिला रखेंगे।

40 मंदिरों का सुंदरीकरण होगा

कॉरीडोर के लिए अधिग्रहित मकानों के ध्वस्तीकरण के दौरान 40 से अधिक छोटे -बड़े मंदिर निकले हैं। स्थापत्य कला के बेहद आकर्षक इन पौराणिक मंदिरों का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण करवाया जाएगा। ताकि कॉरिडोर के जरिए दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु मंदिरों के इतिहास व महात्म से भी परिचित हो सकेंगे। इसके अलावा लाइब्रेरी, आश्रय स्थलों का निर्माण होगा।

बनेगा संग्रहालय और गूंजेगा संगीत

कॉरीडोर के ब्लू प्रिंट में लोगों के घरों में स्थापित देव विग्रहों को एक जगह स्थापित कर श्रद्धालुओं को काशी का सांस्कृतिक वैभव दिखाने के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा। काशी के पौराणिक स्वरूप की अभिव्यक्ति के लिए आधुनिकतम तकनीकी प्रयोग में लायी जाएगी। कारीडोर से गुजरने वालों के कानों में शिव भजन, वैदिक मंत्र के साथ बनारस घराने के संगीत कलाकारों का गायन और वादन गूंजेगा।

40-40 फुट के दो कॉरीडोर

काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विशाल सिंह के मुताबिक गंगा तट से मंदिर तक 40-40 फुट के दो कॉरीडोर बनाए जा रहे हैं। प्राचीन गलियों का अस्तित्व भी बरकरार रहेगा। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद कॉरीडोर से सीधे मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट और जलासेन घाट से मंदिर पहुंच सकेंगे।

तीन चरणों में होगा निर्माण

करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कारीडोर का निर्माण तीन चरणों में होगा। इसके लिए नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी एचसीपी ने ब्लू प्रिंट के बाद अब डीपीआर तैयार किया है। शिलान्यास होने के बाद राजकीय निर्माण निगम द्वारा कारीडोर का निर्माण कार्य शुरू होगा। पहले फेज में लेवलिंग, दूसरे फेज में स्ट्रक्चर और तीसरे एवं अंतिम फेज में सुपर स्ट्रक्चर पर कार्य होगा।

मंदिर नहीं, विश्वनाथ धाम होगा

विशाल सिंह ने बताया कि मंदिर शब्द संकुचित हो जाता है। विश्वनाथ धाम एक लोक का एहसास करता है और यही सच्चाई है। विश्वनाथ कारीडोर बनने के बाद यह एक लोक का आभास कराएगा। विशाल सिंह ने बताया कि 5 लाख स्क्वायर फुट में मुख्य निर्माण होगा। उसके अलावा कुल आठ लाख स्क्वायर फुट में कारीडोर से संबंधित निर्माण होंगे।

वर्जन

विश्वनाथ धाम का मॉडल यूनिक है। पीएम काड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कारीडोर जब मूर्तरूप लेगा तो इसकी कॉपी अन्य जगहों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण में हो सकता है। जल्द ये कॉरीडोर मूर्त रुप लेगा।

-विशाल सिंह, सीईओ, मंदिर ट्रस्ट

Posted By: Inextlive