-संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में मौजूद है ऐतिहासिक बरगद का पेड़

ऐतिहासिक पौराणिक महत्ता वाली शिव की नगरी काशी में मंदिरों के अलावा पेड़ों की भी अपनी एक अलग कहानी और ख्याति है. जो सिर्फ छायादार और फलदार वृक्ष तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि उनका पत्ता-पत्ता डाली-डाली अपने में इतिहास को समेटे है. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से चलाई जा रही डाक्यूमें-ट्री के क्रम में आज हम आपको शहर के एक ऐसे ही विशाल वृक्ष से परिचय करा रहे हैं जो एक ऐसी घटना का गवाह है जिसके बाद बनारस में एक और यूनिवर्सिटी मिल गयी. ये पेड़ है संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में.

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के केंद्रीय कार्यालय के ठीक सामने विशालकाय बरगद के वृक्ष के बारे में यहीं के रिटायर्ड प्रोफेसर व कर्मचारियों ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने में यह जंगल जैसा इलाका था. कई पेड़ हुआ करते थे. पर समय के साथ पेड़ों को काट दिया गया. इसी जगह क्वींस कॉलेज की नींव रखी गयी. क्वींस कॉलेज के परिसर में उस दौरान ये बरगद का पेड़ अपनी छाया दे रहा था. क्वींस कॉलेज को 1957 में संस्कृत यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा कर दी गयी. कॉलेज से यूनिवर्सिटी में बदलते परिसर का गवाह ये बरगद का पेड़ बना. उस समय से यह विशालकाय पेड़ मानो तना हुआ खड़ा है. यूनिवर्सिटी बनने के बाद सेंट्रल ऑफिस के ठीक सामने स्थित इस पेड़ ने कई पीढि़यों को अपने सामने से गुजरते देखा और अपनी छांव दिया. विवि प्रशासन ने भी इस बरगद के विशालकाय वृक्ष की सेवा आत्मीय जुड़ाव संग की है. समय-समय पर पेड़ की कटाई-छटाई पर ध्यान दिया जाता है.

टेंट-तिरपाल की नहीं जरूरत

दूर दराज से संस्कृत यूनिवर्सिटी में आने वाले छात्रों और अभिभावकों के लिए गर्मी और बारिश के मौसम में यह वृक्ष सहायक साबित होता है. तेज धूप में टेंट जैसा छांव देता है तो मूसलाधार बारिश में तिरपाल बनकर भींगने से बचा लेता है. उसी तरह पेड़ के नीचे गोलाकार में बैठने की भी व्यवस्था की गई है. गर्मी में यहीं बैठकर छात्र, कर्मचारी और गुरुजन भी आराम फरमाते हैं. इसी पेड़ के नीचे कभी-कभी धरना प्रदर्शन कर कर्मचारी, अध्यापक और छात्र अपनी आवाज बुलंद करते हैं.

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डॉक्यूमें-ट्री अभियान में हम उन पेड़ों को भी सम्मान देना चाहेंगे, जिनका किसी परिवार या क्षेत्र विशेष से खास महत्व है. हां, पेड़ से जुड़ी जानकारी रोचक जरूर होनी चाहिए. यदि आपके नजर में ऐसा कोई पेड़ है जिससे जुड़ी कोई कहानी रोचक है तो उसके साथ सेल्फी लेकर हमसे व्हाट्सएप्प नंबर 7311192861 पर शेयर कीजिए. साथ में अपना नाम, पता और पेड़ से जुड़ी कहानी 100 शब्दों में लिख कर भेजिये.

Posted By: Vivek Srivastava