- सिटी में कई हिट रन मामलों में बचकर निकल गए कई रसूखदार

- सिटी में डेली होते हैं सात से आठ एक्सीडेंट

- रोज एक एक्सीडेंट बसों और ट्रकों से होता है

- महीने में 60 से 70 ड्रंकन ड्राइवर्स के होते हैं चालान

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Meerut : मुंबई हिट एंड रन मामले में सलमान खान को पांच साल की सजा मिलने के बाद एक सवाल कौंध रहा है. क्या सभी सलमान होते हैं? जिस तरह से वर्ष ख्00ख् में सलमान की गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ और एक आदमी की मौत हुई. उसी तरह से मेरठ में रोज एक्सीडेंट में लोग मर रहे हैं. भले ही वो सलमान खान न हो, लेकिन जिले में इतनी रसूख जरूर रखते हैं कि पकड़े जाने पर अपने आप को बचा ले जाते हैं. हम इस बात को बिल्कुल को भी जस्टिफाई नहीं कर रहे हैं कि जो सलमान ने किया वो गलत था, लेकिन मेरठ ही नहीं पूरे देश में इस तरह के केस होते हैं जो अपने प्रभाव की वजह से बचकर निकल जाते हैं.

केस : क् धाराओं का हुआ था खेल

मामला वर्ष ख्0क्ब् का है. जब परतापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोतीगंज निवासी गोल्डी सरदार के बेटे राजा शहिद ने एक्सीडेंट कर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. साथ ही पांच लोग घायल भी हो गए थे. पुलिस इंवेस्टीगेशन में शहिद को गिरफ्तार भी किया गया. चार्जशीट में आईपीसी की धारा फ्0ब् लगाई गई थी, लेकिन जब कोर्ट में अर्जी दाखिल हुई और विवेचक ने अपनी कोर्ट में चार्जशीट दी तो उसमें धाराओं में खेल कर दिया गया. धारा फ्0ब् की जगह फ्0ब् ए कर दिया गया. जिसकी बदौलत शाहिद को जमानत भी मिल गई. सूत्रों की मानें तो इस मामले में ख्0 लाख रुपए का लेनदेन हुआ था.

केस : ख् क्योंकि हम सरकार हैं

करीब डेढ़ साल पहले की बात है. मसूरी-लावड़ रोड सपा नेता अतुल प्रधान की गाड़ी से साइकिल सवार की की टक्कर हो गई थी. साइकिल सवार को तुरंत हॉस्पिटल में पहुंचाया गया. उसे बामुश्किल ही बचाया जा सका था. इस केस में अतुल प्रधान का नाम आते ही पुलिस डिपार्टमेंट के हाथ पांव फूल गए. अतुल प्रधान के खिलाफ न तो केस दर्ज किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई. गलती सरकार से हुई थी तो कौन मुंह खोलता. केस को बंद करने के लिए घायलों के परिजनों पर समझौते का दबाव बनाया गया. सपा नेता कुछ रुपए देकर इस केस से बड़ी आसानी से अपना पीछा छुड़ा लिया.

केस : फ्

फिर निकाल ली थी रिवॉल्वर

घटना जनवरी महीने की है. केसरगंज मंडी के पास हारमनी होटल के मालिक हिमांशु पुरी की बीएमडब्ल्यू कार ने डीसीएम में टक्कर मार दी थी. हिमांशु गाड़ी से उतरा और डीसीएम सवार के साथ मारपीट की. बाद में उसने पिस्टल तक निकाल. मौके पर देहली गेट थाने की पुलिस पहुंची और दोनों को हिरासत में लेकर मेडिकल कराया. जिसमें हिमांशु की रिपोर्ट में एल्कोहल मिला. उसके बाद हिमांशु ने अपने रुपयो और रुतबे के बल मामले को रफा-दफा करा दिया.

अक्सर देखने में आया है कि बड़े लोग कानून प्रक्रियाओं से बच निकलते हैं या फिर कानून प्रक्रिया को इतना लंबा खींच दिया जाता है कि न्याय, अन्याय बन कर रह जाता है. सलमान मामले में यह मिथक टूटा है.

दीपा शर्मा, अजंता कॉलोनी

हाई प्रोफाइल्ड मामले में सलमान खान को मिली सजा के लिए न्याय पालिका स्वागत के काबिल है. सलमान खान की लोकप्रियता को दरकिनार करते हुए न्याय पालिका ने निष्पक्ष कार्रवाई की है.

काजी शादाब, कोतवाली

हिट एंड रन मामले में सलमान खान को सजा मिलना दिखाता है कि आज भी हमारी न्यायपालिका निष्पक्ष और पारदर्शी है. यहां पर न्यायपालिका सरहाना के योग्य है.

मुख्तयार सिंह, शास्त्रीनगर

लंबी प्रक्रिया ही सही लेकिन हिट एंड रन मामले में आया निर्णय सराहनीय है. बड़े मामलों में हुई कार्रवाई अन्य लोगों के लिए यह सबक है कि कोई भी देशवासी कानून से ऊपर नहीं है.

दीपांशु कौशिक, स्टूडेंट गंगानगर

सलमान खान को सजा मिलने से भले ही लाखों लोगों का दिल टूटा हो, लेकिन कानून के लिहाज से उनको सजा मिलना अति आवश्यक था. अन्यथा आम लोगों के दिमाग में कानून व न्यायपालिका को लेकर मिथक पैदा हो जाते हैं.

रजत अरोरा, सेंट्रल मार्केट

Posted By: Lekhchand Singh