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पांडेयपुर स्थित काली मंदिर से लेकर पहडि़या तक अमूमन जाम की समस्या से लोगों को डेली दो चार होना पड़ रहा है। ऐसे में ऑफिस या दुकान पर पहुंचने के लिए तय समय से एक घंटे पहले घर से निकलना पड़ रहा है। सोमवार को भी दोपहर में पहाडि़या रूट से लेकर पांडेयपुर फ्लाईओवर के ऊपर तक वाहन सिर्फ जाम लगने के चलते खडे़ रहे।

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चेतगंज से नई सड़क के बीच राहगीरों को रोजाना जाम में जूझना पड़ रहा है। सोमवार को तो लगभग चार से पांच घंटे से अधिक देर तक जाम में पब्लिक फंसी रही। ऐसे में लोगों ने गलियों का रुख किया तो उन्हें उसमें भी ई-रिक्शा सहित अन्य वाहनों की उल्टी-सीधी आवाजाही ने काफी तंग किया। ये परेशानी अब तो लोगों के जैसे रूटीन में शामिल हो चुकी है।

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सिगरा-महमूरगंज मार्ग पर चल रहा खोदाई कार्य राहगीरों को कुछ अधिक ही सता रहा है। एक तो खोदाई से धुल का गुबार तो वहीं जाम में फंसी गाडि़यों से निकलता धुंआ आसपास के दुकानदारों सहित यहां के निवासियों पर जुल्म ढाने का काम कर रहा है।

-ट्रैफिक पुलिस के लाख उपाय भी जाम की समस्या से निजात दिलाने में नाकाम

-वरुणा पार व इस पार दोनों जगहों पर प्रवासी भारतीयों का होगा ठहराव स्थल

-खोदाई कार्य से पूरे शहर में लग रहा जाम, पब्लिक रही कराह

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इन स्पॉट्स पर पब्लिक को इस तरह की परेशानी से दो चार होना तो महज बानगी भर है। शहर का कोना-कोना डेली जाम लगने से कराह रहा है। वरुणा इस पार हो या उस पार, हर जगह सड़क पर जाम लगने से हाहाकार मचा हुआ है। ट्रैफिक पुलिस के लाख उपाय भी जाम की समस्या से निजात दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं। यह हाल तब है जबकि अपने बनारस में जनवरी में एनआरआई समिट का आयोजन होना है। इसमें शामिल होने के लिए बनारस आ रहे प्रवासियों के दल के लिए वरुणा के इस पर व उस पार दोनों जगहों पर ठहराव स्थल होगा। ऐसे में यह तय है कि प्रवासी उस वक्त ठंड के मौसम में जब शहर की सड़कों पर निकलेंगे तो वे शायद ही जाम के झाम को झेल सकें। क्योंकि शहर को करीब से देख चुके कई वीवीआईपी भी यहां की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर नाक-मुंह सिकोड़ गए हैं।

गंगा आरती से लेकर मंदिर दर्शन तय

सात हजार प्रवासी भारतीयों का दल 21 से 23 जनवरी के बीच शहर में होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासियों का गर्मजोशी से स्वागत के लिए शहर में मौजूद रहेंगे। जाहिर है कि ये मेहमान बनारस की खासियत यहां के गंगा घाट को देखने के साथ ही प्राचीन व गूढ़ मान्यताओं वाले देवालयों में शीश भी नवाएंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर दशाश्वमेध सहित अन्य घाटों से गंगा आरती देखने के साथ ही मां गंगा की अविरलता को भी निहारेंगे। ऐसे में जब वह अपने निवास स्थान से इन धार्मिक स्थलों की ओर कूच करेंगे तो उन्हें सड़कों पर चलने के दौरान स्मूद ट्रैफिक मिलेगा या नहीं, यह सवाल हर बनारसी के जेहन में कौंध रहा है।

Posted By: Inextlive