Gorakhpur : सिटी के डेवलपमेंट के बीच आने वाले विलेन के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन इनसे कैसे निपटा जाए इसके बारे में कोई नहीं सोचता. भले गवर्नमेंट ऑफिशियल्स पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव्स का ध्यान डेवलपमेंट की ओर न हो लेकिन सिटी के स्टूडेंट्स इस मामले में काफी एक्टिव हैं. सैटर्डे को बडिंग सिविल इंजीनियर्स ने सिटी के डेवलपमेंट के बीच के विलेन और उनसे निपटने के तरीके लोगों को बताए. उनका विजन न सिर्फ सिटी के डेवलपमेंट में मदद करना है बल्कि सिटी को एक अलग पहचान भी दिलाना है.


Solution through modelsबीआईटी के सिविल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स ने 'सिविल रचनाएं' इवेंट ऑर्गेनाइज किया। इसमें उन्होंने न सिर्फ सिटी के डेवलपमेंट के लिए जिम्मेदार सीवेज ट्रीटमेंट, वॉटर ट्रीटमेंट, फाउंडेशन, मॉडर्न एयरपोर्ट मॉडल के बारे में लोगों को इंफॉर्मेशन दी बल्कि उनसे निपटने के तौर तरीके भी बताए। इसमें बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट किया। टेक एग्जिबिशन के कोऑर्डिनेटर इंजीनियर ब्रिज भूषण त्रिपाठी और फुरखान उल्लाह रहे। इस दौरान बतौर चीफ गेस्ट प्रिंसिपल एनईआर के चीफ इंजीनियर संजय मिश्रा रहे। इस दौरान एचओडी अलक रॉय के साथ कॉलेज के टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।मॉडर्न एयरपोर्ट मॉडल
सिटी की हालत ऐसी है कि यहां पर एयरपोर्ट के एक्सटेंशन में गवर्नमेंट को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके लिए अंकित, आशीश, अतुल, भानु और इनाम ने मॉडर्न एयरपोर्ट मॉडल तैयार किया है। इसके थ्रू उन्होंने एयरपोर्ट के मायने, मिनिमम एरिया में एयरपोर्ट कंस्ट्रक्ट कराने के साथ ही पीक आवर्स में एयरपोर्ट की एग्जिस्टिंग कैपासिटी को बिल्ड करने की टेक्नीक बताई है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट


इंडस्ट्रिलाइजेशन के इस दौर में एक तरफ जहां हम टेक्नोलॉजिकली साउंड होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खुद को परेशानी में भी डाल रहे हैं। इससे न सिर्फ वॉटर पॉल्युशन बढ़ रहा है बल्कि इसकी वजह से शहर की नालियों का गंदा पानी नदियों को भी पॉल्युट कर रहा है। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए अलोक रंजन, विनय, गौरव, अनिल और राजबीर ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का मॉडल बनाया है। इसके थ्रू सीवर के वेस्ट को पानी, बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर में बदला जा सकेगा।रेसिडेंशियल बिल्डिंग के साथ अदर टिप्सप्रेजेंट टाइम में सिटी की पॉप्युलेशन को देखते हुए स्टूडेंट्स ने ऐसा रेसिडेंशियल बिल्डिंग मॉडल बनाया है, जिससे कि लोग लेस कॉस्ट में रिसाइकिल्ड मैटेरियल का यूज कर अपनी आसरा बना सकते हैं। इस मॉडल को बनाने वालों में प्रभाकर, मोहम्मद आरिफ, सीरीश, अजमत और अभिषेक शामिल हैं। वहीं फाउंडेशन और फूटिंग को लेकर पवन कुमार ने अंकित, सुनील, आनंद और हैदर की मदद से मॉडल तैयार किया है, जिसमें डिफरेंट टाइप्स के फाउंडेशन और उसमें फ्यूचर पॉसिबिल्टीज पर फोकस किया गया है। वहीं इस एग्जिबिशन में ताहा, रियाज, रेहान और सुरेश ने लंदन टॉवर ब्रिज का मॉडल प्रेजेंट किया। वॉटर ट्रीटमेंट के भी तरीके

पानी आज की जरूरत है, लेकिन सिटी के पानी का हाल इस कदर खराब हो चुका है कि इससे इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं। सिटी को इस बड़ी प्रॉब्लम से निजात दिलाने के लिए अबरार, मनीष, पंकज, सुमन और अनूप ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट मॉडल तैयार किया है। इसके थ्रू न सिर्फ पानी को प्यूरिफाई किया जा सकेगा बल्कि इससे 90 परसेंट तक पानी का ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive