>RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार रविवार की शाम थम गया। अब राज्य भर की निगाहें ख् दिसंबर, मंगलवार को होने वाले मतदान पर टिकी हुई हैं। क्योंकि इसी फेज में जिन सीटों पर मतदान होना है उसमें दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, एक पूर्व उप मुख्यमंत्री, तीन मौजूदा मंत्रियों के साथ ही छह पूर्व मंत्रियों और उनके परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इन नेताओं के सामने जहां अपनी सीटों को जीतने की चुनौती है, वहीं अधिक से अधिक संख्या में अपने समर्थकों को जीता कर पार्टी को बहुमत दिलाने की भी जिम्मेवारी है।


 

छह पूर्व मंत्रियों का भी है कड़ा इम्तिहान

झारखंड सरकार में कभी न कभी मंत्री पद की शोभा बढ़ाने वाले म् पूर्व मंत्रियों के दम-खम का भी इसी चरण में इम्तिहान होनेवाला है। इसमें से कई पूर्व मंत्री ऐसे भी हैं, जो विधायक हैं। जबकि दूसरे ऐसे हैं, जो पिछली बार अपनी सीट को गंवा दिए थे। ऐसे में इनके सामने अपनी सीट को फिर से जीतने की चुनौती है। इस चरण में टीएमसी प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की मांडर सीट से उम्मीदवार हैं। जबकि पूर्व मंत्री एनोस एक्का झापा के टिकट पर कोलेबिरा, झारखंड सरकार में कभी मंत्री रहीं विमला प्रधान बीजेपी के टिकट पर सिमडेगा, जुगसलाई से कांग्रेस प्रत्याशी दुलाल भुइयां, तमाड़ से निर्दलीय गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर तो मंझगांव से जेएमएम के टिकट पर जोबा मांझी चुनाव लड़ रही हैं। इनमें से बंधु तिर्की, एनोस एक्का, राजा पीटर, विमला प्रधान जहां विधायक हैं, वहीं दुलाल भुइयां, जोबा मांझी पिछला चुनाव हार गई थीं.


 

मुख्यमंत्री पद के दो दावेदारों की अिग्न परीक्षा

भाजपा के लिए सेकेंड फेज का चुनाव इसलिए भी खास है कि इस पार्टी से मुख्यमंत्री पद के दो दावेदारों को अपनी सीट जीतने के साथ ही अधिक संख्या में अपने समर्थकों को जीताने की परीक्षा भी देनी होगी। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व उपमुख्यमंत्री रघुवर दास की सीटों पर इसी चरण में चुनाव हो रहा है। रघुवर दास जहां जमशेदपुर पूर्व से उम्मीदवार हैं, वहीं अर्जुन मुंडा खरसावां सीट से। झारखंड बीजेपी के लिए दोनों नेता काफी महत्वपूर्ण हैं। अर्जुन मुंडा जहां पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ही बीजेपी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरा हैं, वहीं बीजेपी के केंद्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास पार्टी के गैर आदिवासी नेता हैं, जो मुख्यमंत्री पद के लिए कई बार अपनी दावेदारी भी जता चुके हैं। इन दोनों नेताअेां के बीच मुख्यमंत्री पद की खींचतान को लेकर ही बीजेपी इस बार बिना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट किए ही चुनाव मैदान में है.


 

परिवार की प्रतिष्ठा भी बचाने की चुनौती

दूसरे चरण के चुनाव में झारखंड के तीन नेताओं के सामने यह भी चुनौती है कि वे अपने परिवार की चुनावी नैया को डूबने से बचाएं। झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू अपनी बेटी सिनड्रेला बलमुचू को कांग्रेस के टिकट पर घाटशिला से उम्मीदवार बनवाए हैं। प्रदीप बलमुचू घाटशिला सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछला चुनाव वह जेएमएम के रामदास सोरेन से हार गए थे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर से चुनाव मैदान में हैं। गीता कोड़ा विधायक भी हैं। पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने सिमडेगा से अपनी पत्नी मेनन एक्का को चुनाव मैदान में उतारा है। वह सिमडेगा की जिला परिषद अध्यक्ष भी हैं।

Posted By: Inextlive