-सीएम बोले, पुलिस महानिदेशक के स्तर पर नियमित रूप से थानावार कार्रवाई करें

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क्कन्ञ्जहृन्: शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत राज्यस्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। सीएम ने कहा कि पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग), अपराध अनुसंधान विभाग और निदेशक अभियोजन के स्तर पर बैठक कर लंबित मामलों की समीक्षा की जाए। विशेष लोक अभियोजक के कार्यो की दो महीने में समीक्षा करें। जो भी अपने कार्यो को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाए। जरूरत पड़े तो उन्हें हटाया जाए। विशेष लोक अभियोजकों के चयन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दी जाए। लंबित मामलों में कमी लाने के लिए दर्ज कांडों का नियमित रूप से थानावार अनुश्रवण पुलिस महानिदेशक के स्तर पर किया जाए।

पर्चाधारियों को जल्द दिलाएं कब्जा

सीएम ने कहा कि एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों में हुए संशोधन को देखते हुए अफसरों के लिए ट्रेनिंग व ओरिएंटेशन का कार्यक्रम आयोजित करें। लंबित कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए नौ विशेष न्यायालय के गठन के लिए विधि विभाग के स्तर पर शीघ्र कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वास रहित परिवारों को अभियान चलाकर वास भूमि दी जाए। यह भी सुनिश्चित करें की सभी पर्चाधारियों का शीघ्र कब्जा हो। बैठक में डिप्टी सीएम सुशील मोदी, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य रमेश ऋषिदेव, संतोष कुमार निराला, महेश्वर हजारी, सांसद हरि मांझी। विधायक श्याम रजक, ललन पासवान व विधान पार्षद अशोक चौधरी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी केएस द्विवेदी, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी व कई अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive