-एक साथ 47 से अधिक मेडिकोज हुए हैं बीमार, कई डेंगू का शिकार

LUCKNOW:

डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में मेडिकोज को डेंगू व फीवर की समस्या होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ। जीएस बाजपेई ने लोहिया इंस्टीट्यूट प्रशासन को नोटिस जारी किया है। साथ ही सीएमओ की टीम ने संस्थान का निरीक्षण किया और हॉस्टल से लेकर क्लास रूम तक देखे। सभी जगह मच्छर जनित परिस्थितियां मिलने पर सीएमओ की टीम ने संस्थान के अधिकारियों को अलग-अलग 10 नोटिस जारी की हैं।

हर जगह मिली गंदगी

डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों की लापरवाही के कारण संस्थान में मच्छरों के पनपने का अनुकूल वातावरण है। हॉस्टल्स से लेकर लेक्चर थिएटर तक टीम को मच्छरों के लार्वा जांच में मिले। हर जगह जलभराव और खुली नालियां मिलीं जिस पर टीम ने नोटिस जारी की है।

क्यों नहीं कराई जांच

सीएमओ की टीम से डॉ। सुनील कुमार रावत, डॉ। आरके चौधरी, डॉ। आनंद त्रिपाठी, डॉ। विवेक दुबे, डॉ। डीएन शुक्ला, डॉ। प्रिया वेन्जवाल, डॉ। रोमी सिंह राणा सहित अन्य की टीम ने लोहिया इंस्टीट्यूट का निरीक्षण किया। टीम ने डेंगू होने पर एलाइजा जांच न होने का कारण पूछा तो डायरेक्टर के पास कोई जवाब नहीं था। पता चला कि डॉक्टर्स ने 15 से ज्यादा की जांच कराई थी। लेकिन कार्ड टेस्ट में पाजिटिव आने के बाद एलाइजा टेस्ट नहीं कराया।

इन्हें दी गई नोटिस

जिला मलेरिया अधिकारी की ओर से सोमवार को डॉ। राम मनोहर लोहिया संस्थान को कुल 10 नोटिस जारी की गई। इनमें एक एकेडमिक ब्लाक के पीछे की ओर भयंकर गंदगी ओर जलभराव के लिए, चार नोटिस चिकित्सालय परिसर में टीन शेड के आस पास गंदगी और लार्वा मिलने पर, एक नर्सिग काउंटर के लिए, एक डा। अलका टाइप 4, एक ब्वायज छात्रावास और परिसर में बने सभी 46 मकानों में मच्छर पनपने वाली परिस्थितियां मिलने पर दी गई हैं। इसके अलावा चिकित्सालय प्राइवेट वार्ड के लिए भी नोटिस दी गई है।

हर जगह गंदगी

सीएमओ डॉ। जीएस बाजपेई ने बताया कि निर्माणाधीन टीचिंग कांपलेक्स में ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार है लेकिन चार मंजिलों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके कारण भयंकर गंदगी व्याप्त है और कई जगह पर जल भराव की स्थिति और कूड़े का ढेर है। इस कारण डेंगू जैसी बीमारी पनपने का खतरा है। डायरेक्टर डॉ। दीपक मालवीय ने जल्द ही उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

बिना मेडिकोज कैसे हुई जांच

सीएमओ को दी गई जानकारी में संस्थान ने दावा किया कि नौ मेडिकोज का एलाइजा टेस्ट किया गया। जिसमें से सिर्फ एक ही डेंगू पाजिटिव आया। लेकिन अब संस्थान के दावे पर ही सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि मेडिकोज को बीमार होने पर पहले ही घर भेज दिया गया था। जब मेडिकोज घर पर हैं तो जांच कैसे हो गई यह बड़ा सवाल है।

Posted By: Inextlive