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- इसजेक की मदद से एनएसआई में लगाया गया पायलट प्रोजेक्ट, संस्थान की कैंटीन व मेस में यूज की जा रही गैस

KANPUR: नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट की शुगर फैक्ट्री से निकलने वाले प्रेसमड(बायो वेस्ट) से बायो सीएनजी व बायो कम्प्रेस गैस बनाई जा रही है। इसका यूज संस्थान की कैंटीन व हॉस्टल की मेस में भी किया जा रहा है। इसके लिए इसजेक की मदद से इंस्टीट्यूट में पायलट प्रोजेक्ट लगाया गया है। वहीं बायो सीएनजी को वाहनों में कैसे रिफिल किया जाए, यह एक समस्या संस्थान प्रशासन के सामने है। इससे निपटने के लिए बड़े प्लांट को लगाने की तैयारी की जा रही है। एनएसआई के डायरेक्टर प्रो नरेंद्र मोहन अग्रवाल ने बताया कि इस बायो कम्प्रेस गैस में करीब 65 परसेंट मीथेन गैस होती है। अगर इसे बढ़ाकर 95 परसेंट कर दिया जाए तो यह सीएनजी में कनवर्ट हो जाएगी।

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सीएसए में भी बनेगी

सीएसए यूनिवर्सिटी ने भी एक कंपनी के साथ बायो सीएनजी बनाने को लेकर करार किया है। सीएसए वीसी प्रो। सुशील सोलोमन ने बताया कि यूनिवर्सिटी कैंपस व हॉस्टल से निकलने वाले बायो वेस्ट से सीएनजी बनाने की तैयारी की जा रही है।

Posted By: Inextlive